BHOPAL/HYDERABAD. बीते दिनों से मीडिया में एक कब्र की चर्चा थी, जिसके ऊपर एक हरे रंग का गेट लगा हुआ था। कई बड़े मीडिया हाउस में खबर चली कि कब्र पाकिस्तान में है। बताया गया कि कब्र पर गेट इसलिए लगाया गया कि पाकिस्तान में कब्र में दफन महिला के शव के साथ रेप हो रहे हैं। इससे बचाने के लिए कब्र पर गेट लगाया गया हैं।
अब फैक्ट चेक करने वाले एक प्लेटफॉर्म आल्ट न्यूज ने इस वायरल पोस्ट की पड़ताल की। पता चला कि यह फेक न्यूज थी। आल्ट न्यूज के मुताबिक, कब्र भारत के हैदराबाद स्थित एक कब्रिस्तान में है।
कहां से फैली थी गलत खबर?
बीबीसी के मुताबिक, इस खबर को बिना कन्फर्मेशन के पब्लिश करने पर भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों में सोशल मीडिया पर उन न्यूज पोर्टल्स की आलोचना हो रही है। न्यूज एजेंसी ANI, NDTV, हिंदुस्तान टाइम्स (HT), टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) और इंडिया टुडे समेत कई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स इस खबर को शेयर किया था>
एक ट्विटर यूजर हारिस सुल्तान ने सबसे पहले इस बात (जो गलत थी) को ट्वीट किया। अब सुल्तान ने आल्ट न्यूज के फैक्ट चेक के बाद अपना ट्वीट डिलीट करने के साथ माफी मांगी है। ANI की ओर से भी अपनी खबर वापस लेते हुए इसके बारे में क्लैरिफिकेशन दिया गया है। जानिए, आल्ट न्यूज के फैक्ट चेक में क्या बात सामने आई...
सोशल मीडिया में ये शेयर हुआ
यह मामला तब सामने आया, जब सोशल मीडिया पर एक ऐसी कब्र की तस्वीर शेयर की गई, जिस पर लोहे की हरे रंग की जाली (गेट) लगी हुई थी और इसे ताले से बंद किया गया था। सोशल मीडिया पर इस तस्वीर के शेयर होने के बाद कुछ ट्वीट में ये दावा किया जाने लगा कि यह फोटो पाकिस्तान से है। कहा गया कि अब मृत महिलाओं के रेप से लोग इतने डरे हुए हैं कि उन्होंने कब्रों पर जालियां और दरवाजे लगाने शुरू कर दिए हैं।
मीडिया में इन्हीं ट्वीट्स का हवाला देकर न्यूज पब्लिश की गई थी। आल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद ज़ुबैर की ओर से इसकी पड़ताल की गई, जिसके बाद सच्चाई सामने आई।
हैदराबाद में है ये कब्र
आल्ट न्यूज के इन्वेस्टिगेशन में पता चला कि यह कब्र हैदराबाद के एक कब्रिस्तान में स्थित है। यह क़ब्रिस्तान मदानापत इलाके की दाराब जंग कॉलोनी की मस्जिद सालार मलिक के सामने है। आल्ट न्यूज ने उस कार्यकर्ता से बात की, जिसने मस्जिद के मुअज्जिन (अजान देने वाले) के साथ उस कब्र पर जाकर वीडियो बनाया था। वीडियो में मुअज्जिन ने बताया था कि कब्र पर गेट लगवाने की बात मस्जिद कमेटी के सामने आई थी।
मुअज्जिन ने ये भी बताया था कि जाली लगवाने की एक वजह ये थी कि कुछ ऐसी घटनाएं हुईं, जिनमें लोगों ने पहले से मौजूद कब्र को खोदकर वहां मुर्दे दफना दिए। दूसरी वजह यह थी कि यह कब्र, कब्रिस्तान के दरवाजे पर है। घर वालों को यह भी डर था कि लोग इस पर चढ़ ना जाएं। आल्ट न्यूज के मुताबिक, यह कब्र जिस महिला की है, उनकी उम्र तकीह 70 साल थी और जाली उनके बेटे ने लगवाई।
कौन हैं मोहम्मद जुबैर?
आल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद ज़ुबैर की ओर से इस खबर को फैक्ट चेक करने के बाद भारत में कई लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं। वहीं, 'पाकिस्तान का बचाव' करने के लिए कई लोग ज़ुबैर की आलोचना भी कर रहे हैं। पत्रकार मोहम्मद जुबैर और उनके आल्ट न्यूज को आमतौर पर कई बार निशाना बनाया जाता है। पिछले साल दिल्ली पुलिस ने मोहम्मद जुबैर को 'धार्मिक भावना आहत करने' के आरोप में गिरफ्तार किया था।