Olympic Special : भारत ने पैरिस पैरालंपिक 2024 (Paris Paralympics 2024) में 20 से ज्यादा मेडल जीतकर एक नया रिकॉर्ड बनाया है। यह आंकड़ा टोक्यो पैरालंपिक 2020 (Tokyo Paralympics 2020) के 19 पदकों को पीछे छोड़ता है। यह वृद्धि तब और भी चौंकाने वाली है, जब लंदन 2012 में भारत ने केवल एक पदक जीता और रियो 2016 में 4 पदक हासिल किए थे। दूसरी ओर ओलंपिक में भारत कभी 7 से अधिक पदक (टोक्यो 2020) नहीं जीत पाया है।
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1- खिलाड़ियों की बढ़ती संख्या
पैरिस पैरालंपिक (Paris Paralympics) में पदकों की बढ़ती संख्या की एक बड़ी वजह इसमें भाग लेने वाले खिलाड़ियों की बढ़ती संख्या है। रियो 2016 में भारत के 19 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया और 4 पदक जीते। टोक्यो में यह संख्या बढ़कर 54 हो गई, और भारत ने 5 गोल्ड सहित 19 पदक अपने नाम किए। इस बार पेरिस पैरालंपिक में भारत के 84 एथलीटों ने हिस्सा लिया और 27 मेडल जीते, जिनमें 6 गोल्ड पदक शामिल हैं। पेरिस में भारत ने 12 खेलों में भाग लिया, जबकि टोक्यो में यह संख्या 9 थी। भारत ने इस बार तीन नए खेलों- पैरा-साइक्लिंग, पैरा-रोइंग और ब्लाइंड जूडो में भी भाग लिया।
2- महिला खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन
महिला खिलाड़ियों ने भी शानदार प्रदर्शन किया है। टोक्यो में सभी बैडमिंटन पदक पुरुषों ने जीते थे, जबकि पेरिस में तीन महिलाएं-थुलासिमथी मुरुगेसन, नित्या श्री सिवन और मनीषा रामदास-पोडियम पर पहुंचीं, और केवल दो पुरुषों ने पदक जीते। दिबड़ी बात ये है कि साल 2016 में दीपा मलिक भारत की पहली महिला पदक विजेता थी, और अब पेरिस में 9 महिलाएं पदक जीत चुकी हैं।
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3- पैरा-स्पोर्ट्स में निवेश
भारत ने हाल के वर्षों में पैरा-स्पोर्ट्स पर और ज्यादा अधिक ध्यान देते हुए निवेश किया है। पेरिस पैरालंपिक के लिए 74 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जबकि टोक्यो पैरालंपिक के लिए केवल 26 करोड़ रुपये थे। खेलो इंडिया पैरागेम्स और SAI और PCI के सुधारों ने भी इसमें योगदान दिया है।
4- पैरालंपिक की वर्गीकरण प्रणाली
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कम होने के कारण भी भारतीय एथलीटों को लाभ हुआ है। पैरालंपिक की वर्गीकरण प्रणाली (classification system) ने समान स्तर के एथलीटों के बीच निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को सुनिश्चित किया है। भारतीय पैरा-एथलीटों की लगन और दृढ़ता भी उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन का एक कारण है। बेहतर खेल विज्ञान और कोचिंग ने भी उनकी क्षमता को अधिकतम करने में मदद की है।
पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत के प्रमुख पदक विजेता
- अवनि लेखरा (शूटिंग) - गोल्ड मेडल, वूमेन्स 10 मीटर एयर राइफल (SH1)
- मोना अग्रवाल (शूटिंग) - ब्रॉन्ज मेडल, वूमेन्स 10 मीटर एयर राइफल (SH1)
- प्रीति पाल (एथलेटिक्स) - ब्रॉन्ज मेडल, वूमेन्स 100 मीटर रेस (T35)
- मनीष नरवाल (शूटिंग) - सिल्वर मेडल, मेन्स 10 मीटर एयर पिस्टल (SH1)
- रुबीना फ्रांसिस (शूटिंग) - ब्रॉन्ज मेडल, वूमेन्स 10 मीटर एयर पिस्टल (SH1)
- प्रीति पाल (एथलेटिक्स) - ब्रॉन्ज मेडल, वूमेन्स 200 मीटर रेस (T35)
- निषाद कुमार (एथलेटिक्स) - सिल्वर मेडल, मेन्स हाई जंप (T47)
- योगेश कथुनिया (एथलेटिक्स) - सिल्वर मेडल, मेन्स डिस्कस थ्रो (F56)
- नितेश कुमार (बैडमिंटन) - गोल्ड मेडल, मेन्स सिंगल्स (SL3)
- मनीषा रामदास (बैडमिंटन) - ब्रॉन्ज मेडल, वूमेन्स सिंगल्स (SU5)
- थुलासिमथी मुरुगेसन (बैडमिंटन) - सिल्वर मेडल, वूमेन्स सिंगल्स (SU5)
- सुहास एल यथिराज (बैडमिंटन) - सिल्वर मेडल, मेन्स सिंगल्स (SL4)
- शीतल देवी-राकेश कुमार (तीरंदाजी) - ब्रॉन्ज मेडल, मिक्स्ड कंपाउंड ओपन
- सुमित अंतिल (एथलेटिक्स) - गोल्ड मेडल, मेन्स जैवलिन थ्रो (एफ 64 वर्ग)
- नित्या श्री सिवन (बैडमिंटन) - ब्रॉन्ज मेडल, वूमेन्स सिंगल्स (SH6)
- दीप्ति जीवनजी (एथलेटिक्स) - ब्रॉन्ज मेडल, वूमेन्स 400 मीटर (T20)
- मरियप्पन थंगावेलु (एथलेटिक्स) - ब्रॉन्ज मेडल, मेन्स हाई जंप (T63)
- शरद कुमार (एथलेटिक्स) - सिल्वर मेडल, मेन्स हाई जंप (T63)
- अजीत सिंह (एथलेटिक्स) - सिल्वर मेडल, मेन्स जैवलिन थ्रो (F46)
- सुंदर सिंह गुर्जर (एथलेटिक्स) - ब्रॉन्ज मेडल, मेन्स जैवलिन थ्रो (F46)
- सचिन सरजेराव खिलारी (एथलेटिक्स) - सिल्वर मेडल, मेन्स शॉट पुट (F46)
- हरविंदर सिंह (तीरंदाजी) - गोल्ड मेडल, मेन्स इंडिविजुअल रिकर्व ओपन
- धर्मबीर (एथलेटिक्स) - गोल्ड मेडल, मेन्स क्लब थ्रो (F51)
- प्रणव सूरमा (एथलेटिक्स) - सिल्वर मेडल, मेन्स क्लब थ्रो (F51)
- कपिल परमार (जूडो) - ब्रॉन्ज मेडल, मेन्स 60 किलो (J1)
- प्रवीण कुमार (एथलेटिक्स) - गोल्ड मेडल, मेन्स हाई जंप (T44)
- होकाटो होटोजे सेमा (एथलेटिक्स) - ब्रॉन्ज मेडल, शॉट पुट (F57)
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