मोदी सरकार ने हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए हैं। इनमें "वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन" योजना लागू करना भी शामिल है। इस नीति के तहत देशभर के छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय शोध लेख और जर्नल मुफ्त में उपलब्ध कराए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस योजना से उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक और शोध संसाधनों तक मुफ्त पहुंच सुनिश्चित होगी।
PAN 2.0 को मिली मंजूरी
कैबिनेट बैठक में सरकार ने PAN 2.0 को भी मंजूरी दी है। वहीं, "वन नेशन, वन " योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकार के अनुसंधान और विकास संस्थानों के छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोध लेख और जर्नल पढ़ने की सुविधा मिलेगी। इसके लिए सरकार 6000 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित कर चुकी है।
1.8 करोड़ छात्रों छात्रों और शिक्षकों को होगा लाभ
शिक्षा मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस योजना का लाभ देशभर के करीब 1.8 करोड़ छात्रों, शिक्षकों और वैज्ञानिकों को मिलेगा। इसके तहत 30 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों के 13,000 से अधिक ई-जर्नल देश के 6,300 से अधिक सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों और शोध केंद्रों तक उपलब्ध कराए जाएंगे।
क्या है 'वन नेशन, वन सबस्क्रिप्शन' नीति?
यह योजना शिक्षा और अनुसंधान में समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। सभी उच्च शिक्षा संस्थानों और अनुसंधान केंद्रों को एकीकृत सदस्यता के माध्यम से वैश्विक शोध सामग्री तक पहुंच दी जाएगी। योजना का संचालन "नेशनल रिसर्च फाउंडेशन" (ANRF) द्वारा किया जाएगा, जो समय-समय पर सदस्यता और संसाधनों की समीक्षा करेगा।
डिजिटल शिक्षा का नया युग
इस योजना के तहत सभी जर्नल और शोध सामग्री डिजिटल रूप में उपलब्ध होगी, जिससे छात्र और शिक्षक बिना किसी बाधा के इन्हें एक्सेस कर सकेंगे। डिजिटल सुविधा से 1.8 करोड़ छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा, जो भारतीय शिक्षा और अनुसंधान क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।
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