कारगिल विजय दिवस: पाकिस्तान को भारत का सख्त संदेश, आतंकवाद का साथ देने वालों को नहीं बख्शेंगे

भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया कि आतंकवाद के समर्थकों को बख्शा नहीं जाएगा। इस मौके पर कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।

author-image
Jitendra Shrivastava
New Update
kargil-vijay-divas

Photograph: (THESOOTR)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

कारगिल विजय दिवस पर भारतीय सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया। इस ऑपरेशन का उद्देश्य पाकिस्तान को यह संदेश देना था कि आतंकवाद और उसके समर्थकों को बख्शा नहीं जाएगा। यह भारत की प्रतिक्रिया थी, जो शहीदों के बलिदान का बदला लेने के लिए थी।

26 जुलाई 1999 को भारत ने पाकिस्तान को कारगिल युद्ध में हराया था। इस दिन को हर साल कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस साल भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी, जबकि तीनों सेना प्रमुख भी इस अवसर पर मौजूद रहे।

आतंकवादी गतिविधि सहन नहीं : जनरल द्विवेदी  

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से पाकिस्तान को यह संदेश मिला कि भारत किसी भी आतंकवादी गतिविधि को सहन नहीं करेगा। उनका यह बयान पाकिस्तान के प्रति भारत की नीतियों को स्पष्ट करता है।

ये खबर भी पढ़ें...

कारगिल​ विजय दिवस : आज भी शहीद बेटे का आखिरी पत्र पढ़ भीग जाती हैं मां की पलकें

ऑपरेशन सिंदूर: एक झलक

ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के बाद की गई। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाना था, और इसका संदेश पाकिस्तान तक पहुंचाया गया कि भारत आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।

ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य

ऑपरेशन सिंदूर ने भारतीय सेना को यह अवसर दिया कि वह पाकिस्तान के समर्थन वाले आतंकवादियों के खिलाफ कारगर कार्रवाई करे। यह ऑपरेशन पाकिस्तान को यह बता रहा था कि भारत आतंकवादियों के प्रति अपनी नीति में कोई भी नरमी नहीं दिखाएगा।

ये खबर भी पढ़ें...

रीवा में पूर्व BJP विधायक केपी त्रिपाठी ने महिला सीएसपी पर की अभद्र टिप्पणी, कहा- असंवेदनशील औरत

कारगिल युद्ध की शुरुआत

5 मई 1999 को पाकिस्तान ने भारतीय सीमा में घुसपैठ कर कारगिल की पहाड़ियों पर कब्जा करना शुरू किया। शुरुआत में इसे आतंकवादियों का हमला माना गया, लेकिन बाद में यह साफ हो गया कि पाकिस्तान की सेना इसमें शामिल थी।

भारतीय सेना की वीरता

कारगिल विजय दिवस, 26 जुलाई को भारत की उन शहादतों की याद दिलाता है, जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ संघर्ष करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। भारतीय सेना की वीरता और बलिदान को इस दिन विशेष रूप से सम्मानित किया जाता है।

ये खबर भी पढ़ें...

उज्जैन में राजा-सोनम जैसा केस, पत्नी के प्रेमी ने की पति की हत्या, अंतिम संस्कार में भी हुआ शामिल

ऑपरेशन विजय

ऑपरेशन विजय, भारतीय सेना का प्रमुख ऑपरेशन था, जिसे पाकिस्तान की घुसपैठ को रोकने और भारतीय धरती को बचाने के लिए लॉन्च किया गया था। इस युद्ध के दौरान भारतीय सेना को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन भारतीय सैनिकों ने वीरता और साहस से दुश्मन को हराया।

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव हमेशा ही बना रहा है, लेकिन कारगिल युद्ध ने यह साबित कर दिया कि भारत अपने सम्मान की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। ऑपरेशन सिंदूर और कारगिल विजय दिवस भारतीय सेना की ताकत और उसकी दृढ़ता का प्रतीक बन गए हैं।

thesootr links

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧👩

 

भारतीय सेना पाकिस्तान कारगिल विजय दिवस आतंकवाद सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ऑपरेशन सिंदूर