आतंकवाद पर प्रधानमंत्री मोदी की ट्रंप को दो टूक, ऑपरेशन सिंदूर पर 35 मिनट बातचीत

भारत और पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी और ट्रंप के बीच 35 मिनट की टेलीफोन बातचीत हुई, जिसमें आतंकवाद, सीजफायर, और भारत की सुरक्षा नीति पर चर्चा हुई।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (the sootr)

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बुधवार को पहली बार टेलीफोन पर 35 मिनट लंबी बातचीत हुई। इस बातचीत में आतंकवाद, सीजफायर और ट्रंप द्वारा सीजफायर में मध्यस्थता के दावों पर चर्चा हुई। यह वार्ता भारत की सुरक्षा नीति और पाकिस्तान के साथ तनाव पर केंद्रित रही।

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में सीमित संघर्ष हुआ, जिसे ऑपरेशन सिंदूर कहा गया। इसका उद्देश्य पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला करना था। यह हमला जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का प्रतिशोध था।

भारत की स्पष्ट चेतावनी: आतंकवाद पर समझौता नहीं

बातचीत में पीएम मोदी ने अमेरिका को स्पष्ट रूप से कहा कि भारत को किसी व्यापारिक डील का लालच नहीं है। उनका कहना था कि भारत का आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष नैतिक और वैश्विक सुरक्षा के लिए है, न कि किसी डिप्लोमैटिक सौदेबाज़ी का हिस्सा। पीएम मोदी ने यह भी दोहराया कि पाकिस्तान की गोली का जवाब भारत गोले से देगा, और ऑपरेशन सिंदूर अभी भी खत्म नहीं हुआ है।

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ऑपरेशन सिंदूर: एक संक्षिप्त इतिहास

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में भारतीय सेना के कई जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद भारत ने 6 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए। पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया स्वरूप सीजफायर की अपील की, लेकिन भारत ने इसे नकारते हुए अपनी रणनीति जारी रखी।

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सीजफायर पर ट्रंप का दावा और भारत की प्रतिक्रिया

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार यह दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के लिए मध्यस्थता की। उनका कहना था कि उन्होंने दोनों देशों को समझाया था और वादा किया था कि वह भारत को व्यापार में फायदे देंगे। भारत सरकार ने इस दावे को सिरे से नकारा। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप को बताया कि 7 से 10 मई के बीच भारत-अमेरिका के बीच किसी भी ट्रेड डील पर बातचीत नहीं हुई और न ही अमेरिका ने किसी स्तर पर सीजफायर के लिए मध्यस्थता की।

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प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका जाने का निमंत्रण

इस दौरान, ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका आने का निमंत्रण भी दिया। हालांकि, पीएम मोदी पहले से ही कनाडा में G7 सम्मेलन में शामिल होने के लिए गए थे। सम्मेलन के बाद उनका क्रोएशिया जाने का कार्यक्रम था, जिससे मुलाकात संभव नहीं हो पाई। इसके बावजूद, दोनों नेताओं के बीच फोन पर बातचीत हुई, जिसमें उन्होंने वैश्विक सुरक्षा और व्यापारिक संबंधों पर चर्चा की।

35 मिनट की बातचीत की महत्वपूर्ण बातें...

  • आतंकवाद पर भारत का रुख: भारत का आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष बिना शर्त जारी रहेगा।
  • सीजफायर पर ट्रंप का दावा खारिज: भारत ने कहा कि अमेरिका ने न कोई मध्यस्थता की और न कोई डील की पेशकश की।
  • ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है।
  • भारत की रणनीति: पीएम मोदी ने यह स्पष्ट किया कि भारत का प्राथमिक उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा है, न कि व्यापारिक डील।

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भारत की विदेश नीति का स्पष्ट संदेश

इस बातचीत से यह साफ हो गया कि भारत अपनी विदेश नीति में आत्मनिर्भर है। प्रधानमंत्री मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत किसी दबाव में नहीं आएगा। चाहे वह अमेरिका जैसा ताकतवर देश हो या कोई अन्य। भारत की सुरक्षा नीति और आतंकवाद पर उसका रुख उसके दृढ़ नीतिगत मूल्यों पर आधारित है, न कि किसी अन्य देश की मदद पर।

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