ऑपरेशन सिंदूर : भारत के विदेश सचिव ने दिखाए आतंकवादियों के ठिकानों पर हमले के साक्ष्य

भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई सैन्य कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान की पोल खोली। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान तस्वीरें दिखा कर पाकिस्तान की आतंकवादियों के समर्थन की सच्चाई उजागर की।

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Jitendra Shrivastava
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भारत सरकार ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई सैन्य कार्रवाई के बारे में प्रेस ब्रीफिंग की। विदेश सचिव विक्रम मिसरी, भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पत्रकारों से बातचीत की।

भारत ने स्पष्ट किया कि उसकी सैन्य कार्रवाई पूरी तरह से केंद्रित और गैर-उत्तेजक थी, जिसका उद्देश्य केवल सुरक्षा था, न कि युद्ध को बढ़ावा देना। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए तस्वीरें भी दिखाईं।

पाकिस्तान के हमले में पुंछ के 16 नागरिकों की मौत

विक्रम मिसरी ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकियों के जनाजे को राष्ट्रीय ध्वज में लपेटकर उन्हें राजकीय सम्मान दिया जा रहा है, जो दर्शाता है कि पाकिस्तान आतंकवादियों को एक प्रकार से समर्थन दे रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि पुंछ में पाकिस्तान ने गुरुद्वारे पर हमला किया और सिख समुदाय के तीन सदस्य मारे गए। कुल मिलाकर, पुंछ में 16 नागरिकों की मौत हुई और कई अन्य घायल हो गए।

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गलत सूचनाएं फैलाना पाकिस्तान की रणनीति

विक्रम मिसरी ने यह भी कहा कि सीमा पार से भारत के खिलाफ गलत सूचनाएं फैलाने की कोशिश की जा रही हैं। उन्होंने 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) का नाम लिया, जो पाकिस्तान आधारित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा का मोर्चा है। यह समूह पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ले चुका है।

विक्रम मिसरी ने बताया कि UNSC (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) में TRF का नाम शामिल करने पर पाकिस्तान ने विरोध किया और इसका नाम हटवाया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान अब भी आतंकवादियों को शरण और समर्थन दे रहा है।

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पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र

विक्रम मिसरी ने पाकिस्तान के सूचना मंत्री के बयान को पूरी तरह से झूठ और भ्रामक बताया, जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान में कोई आतंकी नहीं हैं। उन्होंने पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद का केंद्र करार देते हुए कहा कि ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में ही पाया गया था और पाकिस्तान ने उसे शहीद कहा था। इसके अलावा, पाकिस्तान ने मुंबई हमले और पठानकोट हमले की जांच में सहयोग नहीं किया, और ये मामले ठंडे बस्ते में डाल दिए गए।

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आतंकवाद के खिलाफ भारत की अपील

विदेश सचिव ने विश्व समुदाय से अपील की और कहा कि अब समय आ गया है कि दुनिया पाकिस्तान की धोखाधड़ी और आतंकवाद की नीति को पहचानें और उससे सख्ती से निपटें। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का आतंकवाद से समर्थन दुनिया भर में कई आतंकी हमलों के निशान के रूप में देखा गया है।

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पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को नहीं बनाया निशाना

कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस ब्रीफिंग में यह स्पष्ट किया कि भारत ने पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना नहीं बनाया। उन्होंने कहा कि भारत की कार्रवाई पूरी तरह से पूर्व चेतावनी के बाद की गई थी, और उसका उद्देश्य सिर्फ आतंकवाद के ठिकानों को नष्ट करना था। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत ने केवल उन तत्वों को निशाना बनाया जो प्रत्यक्ष खतरा उत्पन्न कर रहे थे।

पाकिस्तान के ड्रोन हमले विफल

भारत ने 7-8 मई की रात को पाकिस्तान द्वारा ड्रोन और मिसाइलों से किए गए हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया। पाकिस्तान ने कई महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी, जैसे कि जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, लुधियाना और चंडीगढ़, लेकिन भारत की इंटीग्रेटेड काउंटर यूएएस ग्रिड और वायुरक्षा प्रणाली ने इन सभी हमलों को विफल कर दिया।

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