9 साल से भारत के स्कूल में पढ़ा रही थी पाकिस्तानी महिला, कैसे बनी टीचर

एक हैरान करने वाला सामने आया है। एक पाकिस्तानी महिला फर्जी दस्तावेजों की मदद से सरकारी स्कूल की टीचर बन गई। जब फर्जीवाड़ा सामने आया तो  बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।

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Vikram Jain
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UP Bareilly case of Pakistani woman

सांकेतिक फोटो Photograph: (the sootr)

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उत्तर प्रदेश के बरेली से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पाकिस्तान की महिला फर्जी दस्तावेजों के सहारे सरकारी टीबन गई। टीचर की 9 साल तक की नौकरी भी हो गई। जैसे ही इस पूरे मामले की सच्चाई बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के सामने आई तो सभी हैरान रह गए। इसके बाद जांच में सामने आया लेडी टीचर पाकिस्तान की नागरिक है, और फर्जी दस्तावेजों की मदद से उसने सरकारी नौकरी हासिल की है। अब मामले में शिक्षा विभाग ने टीचर को निलंबित कर दिया है। साथ ही पुलिस से शिकायत कर केस दर्ज कराया है। जल्द ही टीचर की गिरफ्तारी की जाएगी। वहीं इस मामले में सच्चाई सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है।

जानें पूरा मामला

यह सनसनीखेज मामला बरेली के फतेहगंज थाना क्षेत्र में माधौपुर प्राथमिक स्कूल से सामने आया है। बताया जा रहा है स्कूल में सहायक अध्यापक पद पर कार्यरत थीं। शिक्षिका शुमायला खान पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों लगाकर टीचर की नौकरी हासिल की जबकि वह पाकिस्तान की निवासी है। जांच में सामने आया है कि नौकरी पाने के लिए उन्होंने जो निवास प्रमाण पत्र और दस्तावेज लगाए थे थे फर्जी थे। लेडी टीचर ने रामपुर एसडीएम कार्यालय (सदर) से प्रमाण पत्र से बनवाया था। जांच में प्रमाण पत्र पूरी तरह फर्जी पाया गया है। 

2015 में लगी थी नौकरी

जांच में सामने आया है कि शिक्षिका शुमायला खान ने सही तथ्यों को छुपाया और फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी हासिल की। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बरेली द्वारा शुमायला खान की नियुक्ति 2015 में प्राथमिक विद्यालय माधौपुर में की गई थी। भर्ती के दौरान उन्होंने जरूरी दस्तावेज जमा किए, जिनमें निवास प्रमाण पत्र जमा किया था। जो जांच में फर्जी पाया गया है।

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बनाया फर्जी प्रमाण पत्र

तहसीलदार की रिपोर्ट के अनुसार शुमायला खान ने निवास प्रमाण पत्र बनवाने के दौरान गलत तथ्य प्रस्तुत किए। मामले में जांच और असलियत सामने आने के बाद प्रमाण पत्र रद्द किया गया है। मामले में जिला शिक्षा विभाग ने भी शिक्षिका के खिलाफ एक्शन लिया। शिक्षा विभाग ने मामले में जांच के लिए कई बार शुमायला से स्पष्टीकरण मांगा। इसके बाद उनके द्वारा प्रस्तुत जानकारी और दस्तावेजों की जांच हुई तो फर्जीवाड़ा सामने आया।

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खुद को बताया था भारत का नागरिक 

जांच में यह भी सामने आया है कि शुमायला खान ने भारतीय होने का दावा किया था जो फर्जी पाया है। शिक्षिका ने पाकिस्तान की नागरिकता को छिपाकर नौकरी हासिल की थी। जब विभाग ने दस्तावेजों की गहनता से जांच की, तो पता चला कि महिला ने जो निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था, वह झूठा था और गलत तथ्यों पर आधारित था। इसके बाद विभाग ने पूरे मामले की गहनता से जांच की, और 2024 अक्टूबर में शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही बेसिक शिक्षा अधिकारी के आदेश पर फतेहगंज पश्चिमी थाने में शुमायला के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया। पुलिस अब शुमायला खान को गिरफ्तार करने की तैयारी में है।

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बेसिक शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप

इस मामले का खुलासा होते ही बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। यह पहली बार है जब विभाग में किसी पाकिस्तानी नागरिक ने सरकारी नौकरी हासिल की। सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि इतने वर्षों तक कागजात की सही जांच क्यों नहीं की गई? जब इतनी देर बाद दस्तावेजों की जांच की गई, तब जाकर हकीकत सामने आई। यह मामला सरकारी प्रणाली में जांच की कड़ी निगरानी की आवश्यकता को दर्शाता है, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जा सके।

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