जबलपुर में फर्जी दस्तावेजों के जरिए किसान की 14 एकड़ जमीन हड़पने का मामला सामने आया है। यहां पटवारी ने अन्य चार लोगों के साथ मिलीभगत कर किसान हल्के प्रसाद गौड़ को मृत घोषित कर उसकी करोड़ों की जमीन अपने नाम करवा ली। फर्जीवाड़ा कर किसान को दस्तावेजों में मृत बताया गया। यह मामला तब उजागर हुआ, जब किसान की मृत्यु के बाद परिजनों ने नामांतरण के लिए पटवारी से संपर्क किया। अब मामले में पुलिस ने पटवारी समेत 5 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर सभी को गिरफ्तार किया हैं।
जानें पूरा मामला
पूरा मामला चरगंवा क्षेत्र के पिपरिया गांव से सामने आया है। जहां तत्कालीन पटवारी राजेंद्र कुंजे ने मुख्तार सिंह गौड़, अठई, रामप्रसाद और रिश्तेदार हाकम सिंह के साथ मिलकर किसान हल्के प्रसाद गौड़ का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार किया। इसके आधार पर, इन पांचों ने मिलकर किसान की 14 एकड़ जमीन अपने नाम करवा ली। आरोप है कि फर्जी दस्तावेजों में जिंदा किसान को मृत बताकर करोड़ों की जमीन पर कब्जा कर लिया गया। इतना ही नहीं इस जमीन पर खेती भी शुरू कर दी गई।
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ऐसे हुआ धोखाधड़ी का खुलासा
इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ, जब हल्के प्रसाद गौड़ की पत्नी शांति बाई (करेली निवासी) अपने पति की मृत्यु के बाद जमीन का नामांतरण करवाने के लिए चरगंवा पटवारी से संपर्क करने पहुंचीं। जब शांति बाई को पता चला कि उनकी जमीन पहले ही 2016 में मुख्तार सिंह और अन्य के नाम हो चुकी है। यह सब जानकर वह रह हैरान गईं। इसके बाद, परिजनों ने मामले में चरगंवा पुलिस से शिकायत की।
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आरोपियों के खिलाफ एफआईआर
परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने मामले में जांच शुरू की तो सामने आया कि पटवारी और अन्य चार लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किसान की जमीन पर कब्जा किया है। पुलिस ने मामले की जांच के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। सभी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं। थाना प्रभारी ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद पटवारी और अन्य चार आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। पुलिस अब इस मामले में और भी आरोपियों की तलाश कर रही है, जो इस फर्जीवाड़े में शामिल हो सकते हैं।
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