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भारत में पनीर हमेशा से एक खास जगह रखता है, चाहे वह घर की दाल-चावल की थाली हो या शादी-ब्याह की दावतें। स्वाद और प्रोटीन से भरपूर पनीर अब हर उम्र के लोगों का फेवरेट बन गया है। लेकिन हाल की रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब पनीर सबसे ज्यादा मिलावट वाला फूड प्रोडक्ट्स बन गया है।
देशभर में हुए फूड इन्स्पेक्शन्स में पाया गया कि, पनीर सबसे ज्यादा मिलावट वाला फूड प्रोडक्ट्स बन चुका है। FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) ने पनीर में खतरनाक केमिकल्स, स्टार्च और डिटर्जेंट जैसे पदार्थ पाए हैं, जो सेहत के लिए बहुत हानिकारक हैं। तो ऐसे में अब सवाल उठता है कि, क्या हम सही पनीर खा रहे हैं...
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क्या कहती है FSSAI रिपोर्ट
पनीर भारतीय थाली में स्वाद और सेहत का मेल है। लोग इसे प्रोटीन का अच्छा स्रोत मानते हैं। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक, सब इसे पसंद करते हैं। लेकिन जिस पनीर को हम ताकत का खजाना समझते थे, वह अब गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
FSSAI की रिपोर्ट के मुताबिक, कई राज्यों में लिए गए पनीर के सैम्पल्स में से 83% फेल हो गए और लगभग 40% सैम्पल्स इंसानों के खाने के लायक भी नहीं थे।
कैसे की जाती है पनीर में मिलावट
छोटे डेयरी या सड़क किनारे पनीर बेचने वाले लोग अक्सर अधिक मुनाफे के लिए गलत तरीके अपनाते हैं। वे पनीर बनाने के लिए असली दूध की बजाय सस्ते विकल्पों का इस्तेमाल करते हैं। आइए जानें कैसे पनीर को मिलावटी बनाया जाता है:
- स्टार्च मिलाना – वजन बढ़ाने के लिए।
- डिटर्जेंट का इस्तेमाल – दूध की चिकनाहट नकल करने के लिए।
- सिंथेटिक दूध और यूरिया – सस्ता और जल्दी बनने वाला नकली दूध।
- रंग और केमिकल मिलाना – पनीर को सफेद और आकर्षक दिखाने के लिए।
- ये सारे एलिमेंट न केवल स्वाद को खराब करते हैं बल्कि शरीर के लिए जहरीले भी हैं।
- कई बार मिलावटी पनीर का स्वाद और बनावट असली पनीर जैसी लगती है, जिससे आम कंस्यूमर धोखा खा जाता है।
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🚨 मिलावटी पनीर खाने के नुकसान
- उल्टी, जी मिचलाना और पेट दर्द
- फूड पॉइजनिंग और दस्त
- लीवर और किडनी पर बुरा असर
- लंबे समय तक खाने से इम्युनिटी कम होना
- बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इम्युनिटी वाले लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।
🍛 क्यों बचें बाहर के पनीर से
- सस्ते और अनजाने स्रोतों से खरीदा जाता है।
- सही तरीके से रेफ्रिजरेशन नहीं होता।
- गंदगी और धूल के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ता है।
- खराब हाइजीन से बैक्टीरिया पनपते हैं।
- अगर आप सड़क किनारे पनीर वाला खाना खाते हैं तो खतरा और बढ़ जाता है।
- खासकर बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोग इसके सबसे बड़े शिकार बन सकते हैं।
- लगातार मिलावटी पनीर का सेवन जानलेवा भी साबित हो सकता है।
🛡️ मिलावट से कैसे बचें
- केवल भरोसेमंद और लाइसेंस प्राप्त डेयरी से पनीर खरीदें।
- पैकेज्ड पनीर लेते समय FSSAI सर्टिफिकेशन जरूर चेक करें।
- सड़क किनारे पनीर से बने खाने से बचें, खासकर गर्मियों में।
- अगर हो सके तो घर पर ही पनीर बनाएं।
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🏠 घर पर पनीर कैसे चेक करें
आयोडीन टेस्ट (Iodine Test)
- एक छोटा टुकड़ा पनीर का तोड़ें और उसमें कुछ बूंदें आयोडीन (Iodine Solution) डालें।
- अगर पनीर नीला या काला पड़ने लगे, तो इसका मतलब उसमें स्टार्च मिला हुआ है।
- असली पनीर में रंग नहीं बदलेगा।
साबुन झाग टेस्ट (Soap Lather Test)
- एक छोटा टुकड़ा पनीर पानी में घोलें और हल्के से रगड़ें।
- अगर पानी में झाग बनने लगे, तो इसका मतलब उसमें डिटर्जेंट मिलाया गया है।
- शुद्ध पनीर से पानी साफ रहेगा, कोई झाग नहीं बनेगा।
स्वाद और गंध पहचानना (Taste and Smell)
- पनीर का एक छोटा टुकड़ा चखें या सूंघें।
- अगर स्वाद कड़वा या गंध अजीब (सड़ी हुई) है, तो समझिए कि पनीर मिलावटी या खराब हो चुका है।
- शुद्ध पनीर का स्वाद हल्का मीठा और ताजा होगा।
बनावट जांचें (Texture Test)
- पनीर को हाथ से दबाएं।
- असली पनीर नरम, स्पंजी और थोड़ा-थोड़ा दानेदार होता है।
- मिलावटी पनीर बहुत ज्यादा चिकना, रबर जैसा या बहुत टूटने वाला हो सकता है।
- नोट: ये घरेलू टेस्ट शुरुआती जांच के लिए हैं, पूरी तरह गारंटी नहीं देते।
सबसे ज्यादा खतरे वाले राज्य
FSSAI की रिपोर्ट बताती है कि उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में पनीर मिलावट के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। छोटे कस्बों और गांवों में स्थिति और भी खराब है क्योंकि वहां पर रेगुलर जांच बहुत कम होती है।
आज जब हर जगह मिलावट का खतरा बढ़ता जा रहा है, तो हमें खुद जागरूक और सतर्क रहना होगा। पनीर जैसे पॉपुलर फूड्स में मिलावट हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत बड़ा खतरा बन सकता है।
इसलिए जरूरी है कि हम अपनी खरीददारी समझदारी से करें और जितना संभव हो घर पर ही शुद्ध पनीर तैयार करें। सेहत से समझौता बिल्कुल नहीं होना चाहिए क्योंकि "सही खाना ही असली दवा है"।
FSSAI क्या है
FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) भारत सरकार की एक संस्था है, जो देश में खाने-पीने की चीजों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
FSSAI का पूरा नाम है Food Safety and Standards Authority of India। इसका मुख्य काम है कि बाजार में बिकने वाले हर खाद्य पदार्थ (Food ingredient) की जांच करना और यह देखना कि वह खाने के लायक है या नहीं।
FSSAI अलग-अलग जगहों से खाने के सैंपल लेती है और लैब में उसकी जांच कराती है। लैब में टेस्ट करके यह पता लगाया जाता है कि उसमें कोई हानिकारक केमिकल, मिलावट या खराब सामग्री तो नहीं है।
अगर खाने का सामान तय मानकों पर खरा नहीं उतरता, तो उस पर जुर्माना लगाया जाता है या उसे बैन कर दिया जाता है।
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