BHOPAL. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भ्रामक विज्ञापन मामले में सवाल पूछे जाने के बाद बुधवार को पतंजलि ने एक बार फिर अखबार में माफी छपवाई है। इस बार इसका आकार भी पहले से ज्यादा बड़ा है। गौरतलब है कि पतंजलि ने एक दिन पहले भी ऐसा ही एक माफीनामा छपवाया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जानकारी मांगते हुए पतंजलि से पूछा था कि क्या उसकी माफी उसके विज्ञापनों जितनी बड़ी है।
पतंजलि ने क्या लिखा माफीनामे में
पतंजलि की तरफ से अखबार में छपवाई गई माफी का आकार एक अखबार के पन्ने का लगभग तीन-चौथाई है। इसमें बड़े-बडे़ अक्षरों में 'बिना शर्त के माफी' (Unconditional Apology) लिखा है। साथ ही इसमें माफी मांगते हुए कहा गया, "भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय (रिट याचिका सं. 645/2022) के संदर्भ में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों/आदेशों का पालन न करने अथवा अवज्ञा के लिए हम वैयक्तिक रूप से, साथ ही कंपनी की ओर से बिना शर्त क्षमायाची हैं।
हम विगत 22.11.2023 को बैठक / संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने के लिए भी क्षमाप्रार्थी हैं। हम अपने विज्ञापनों के प्रकाशन में हुई गलती के लिए भी ईमानदारी से क्षमा चाहते हैं और पूरे मन से प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं कि ऐसी त्रुटियों की पुनरावृति नहीं होगी। हम पूरी सावधानी और अत्यंत निष्ठा के साथ माननीय न्यायालय के निर्देशों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम न्यायालय की महिमा का सम्मान बनाए रखने और लागू कानूनों एवं माननीय न्यायालय / संबंधित अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने का वचन देते हैं।" इस माफी के अंत में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के साथ आचार्य बालकृष्ण, स्वामी रामदेव का नाम भी दिया गया है।
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पहला माफीनामा 22 अप्रैल को
इससे पहले 22 अप्रैल को भी पतंजलि ने 67 अखबारों में माफीनामा छपवाया था और भविष्य में ऐसी गलती नहीं दोहराने की बात कही थी। पतंजलि ने 23 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच को इसकी जानकारी दी थी।
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पहला माफीनामे पर क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने
जस्टिस हिमा कोहली ने पतंजलि से पूछा था- आपके विज्ञापन जैसे रहते थे, इस माफीनामे का भी साइज वही था? कृपया इन विज्ञापनों की कटिंग ले लें और हमें भेज दें। इन्हें बड़ा करने की जरूरत नहीं है। हम इसका वास्तविक साइज देखना चाहते हैं।
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जस्टिस कोहली ने कहा था- जब आप कोई विज्ञापन प्रकाशित करते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि हम उसे माइक्रोस्कोप से देखेंगे। सिर्फ पन्ने पर न हो, पढ़ा भी जाना चाहिए। पतंजलि, बाबा रामदेव और बालकृष्ण अगले दो दिन में ऑन रिकॉर्ड माफीनामा जारी करें, जिसमें लिखा हो कि उन्होंने गलती की। मामले की अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी।