प्लैनेट परेड एक दुर्लभ खगोलीय घटना है, जब सौर मंडल के कुछ या सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर अपनी कक्षाओं में घूमते हुए एक सीधी रेखा में नजर आते हैं। इसे "प्लेनेटरी अलाइनमेंट (Planetary Alignment)" भी कहा जाता है। यह घटना तब होती है जब कुछ ग्रह सूर्य की एक ही तरफ इकट्ठे हो जाते हैं और एक निश्चित दिशा में एक सीधी रेखा जैसा आभास देते हैं।
आमतौर पर, शुक्र (Venus), मंगल (Mars), बृहस्पति (Jupiter), और शनि (Saturn) जैसे ग्रहों को नग्न आंखों से देखा जा सकता है, जबकि यूरेनस (Uranus) और नेपच्यून (Neptune) को टेलिस्कोप की मदद से देखना पड़ता है।
क्या ये घटना पहली बार हो रही है?
फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह दावा कि यह घटना 396 अरब साल में पहली बार हो रही है, पूरी तरह गलत है। यूनिवर्स को बने केवल 13.8 अरब साल हुए हैं। 1997 में प्रकाशित एक पुस्तक में इस अवधि का जिक्र किया गया था, जिसे बाद में खारिज कर दिया गया।
हालांकि, प्लैनेट परेड एक बेहद दुर्लभ घटना है। पिछली बार यह घटना 28 मार्च 2023 को हुई थी, जब शुक्र, मंगल, बृहस्पति, बुध और यूरेनस एक सीध में नजर आए थे।
भारत में कब और कैसे देख सकते हैं?
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स के अनुसार, यह परेड 21 जनवरी से 13 फरवरी 2025 तक भारत में देखी जा सकती है। इसे देखने के लिए सूर्यास्त के बाद लगभग 45 मिनट का समय सबसे उपयुक्त है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इसे खुली जगह या ऊंचाई वाली जगह से देखना बेहतर होगा। इसके अलावा, "स्टार वॉक (Star Walk)" और "स्टेलेरियम (Stellarium)" जैसे ऐप्स की मदद से ग्रहों की सही दिशा का पता लगाया जा सकता है।
क्या यह घटना पृथ्वी के लिए नुकसानदेह है?
प्लैनेट परेड एक अस्थायी घटना है और इसका पृथ्वी या सौर मंडल पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। ग्रहों की कक्षाएं बेहद स्थिर होती हैं और उनका गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational Force) एक-दूसरे को प्रभावित करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
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