Stentrode : आपका दिमाग पढ़ लेगी यह चिप, 20 मिनट में होगी इम्प्लांट

Synchron नामक स्टार्टअप ने एक नई माइक्रोचिप Stentrode का विकास किया है, जो दिमाग के सिग्नल्स को एक्शन में बदल सकती है। न्यूरोलॉजिस्ट टॉम ऑक्सली के नेतृत्व में बनाई गई माइंड-रीडिंग चिप ने ALS के मरीज के लिए मददगार साबित हुई है।

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Vikram Jain
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नई माइक्रोचिप Stentrode का विकास। Photograph: (the sootr)

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एक नई तकनीक, जो दिमाग के सिग्नल्स को सीधे एक्शन में बदलने में सक्षम है, अब दुनिया भर के लाखों रोगियों के जीवन को बदलने की उम्मीद जगा रही है। Synchron नामक स्टार्टअप ने एक नई माइक्रोचिप Stentrode का विकास किया है, जो दिमाग के सिग्नल्स को एक्शन में बदल सकती है। चिप को बनाने में मदद करने वाले डॉक्टर का दावा है कि दुनिया में 10 करोड़ लोगों को यह डिवाइस नई जिंदगी दे सकती है, जो लोग किसी चोट या बीमारी की वजह से अपने हाथ-पैर का इस्तेमाल नहीं कर पाते।

न्यूरोलॉजिस्ट टॉम ऑक्सली ने किया दावा

Stentrode नाम की डिवाइस की नींव रखने वाले न्यूरोलॉजिस्ट टॉम ऑक्सली ने हाल ही में एक सफल प्रयोग के बाद यह बड़ा दावा किया है। न्यूरोलॉजिस्ट टॉम ऑक्सली के नेतृत्व में बनाई गई इस चिप ने हाल ही में एक ALS (एएम्योट्रॉफिक लेटरल स्क्लेरोसिस) के मरीज को संदेश लिखने में सक्षम बना दिया। यह डिवाइस केवल 20 मिनट में इंसान के दिमाग में इम्प्लांट की जा सकती है, और इसका उद्देश्य उन लोगों के जीवन में सुधार लाना है जो अपनी शारीरिक गतिशीलता खो चुके हैं। टॉम ऑक्सली की कंपनी को बिल गेट्स और जेफ बेजोस से फंडिंग मिली है।

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Neuralink और Stentrode में अंतर

न्यूरोलॉजिस्ट टॉम ऑक्सली की यह Stentrode माइक्रोचिप, एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक (Neuralink) जैसी ही ब्रेन-कंप्यूटर प्रोजेक्ट है। न्यूरालिंक का उद्देश्य ऐसे लोगों की सहायता करना भी है जो किसी कारणों से अपने अंगों का सही इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार Stentrode को तैयार करने वाले कहते हैं कि उनकी माइक्रोचिप न्यूरालिंक से अलग है। न्यूरालिंक को लगाने के लिए सिर में छेद करना आवश्यता होती है, जबकि Stentrode अलग है इसे आउट-पेशेंट प्रोसीजर की तरह किया जा सकता है। 

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ALS पीड़ितों के मददगार है माइक्रोचिप

Synchron द्वारा विकसित की गई Stentrode माइक्रोचिप न केवल ALS (एएम्योट्रॉफिक लेटरल स्क्लेरोसिस) जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए आशा की किरण बन रही है, बल्कि इसने स्मार्टफोन और Amazon Alexa जैसी तकनीकों का इस्तेमाल भी संभव बना दिया है। Stentrode माइक्रोचिप, जो दिमाग के सिग्नल्स को एक्शन में बदलती है, अब मरीजों को अपनी जिंदगी की सामान्य गतिविधियों में भाग लेने की क्षमता प्रदान कर रही है। मरीजों की इच्छाओं को ध्यान में रखते हुए, इस तकनीक को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि वे ऑनलाइन शॉपिंग, बैंकिंग, प्रियजनों से संवाद करने और स्मार्ट डिवाइस को कंट्रोल करने में सक्षम हो सकें।

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