कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने नौ साल के शासन के बाद इस्तीफा दे दिया है। इस फैसले के पीछे उनकी पार्टी में बढ़ते असंतोष और उनकी घटती लोकप्रियता को वजह बताया जा रहा है। 2015 में प्रधानमंत्री पद संभालने वाले ट्रूडो ने हाल के वर्षों में कई मुद्दों पर आलोचनाओं का सामना किया था, खासकर भारत के खिलाफ उनके विवादास्पद रुख के कारण। अब उनके इस्तीफे के साथ, कनाडा में अगले चुनावों की संभावना भी बढ़ गई है, और लिबरल पार्टी के भीतर नए नेता की तलाश शुरू हो गई है।
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जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपनी पार्टी के भीतर बढ़ते असंतोष के कारण इस्तीफा देने का फैसला लिया। पार्टी के सांसदों और समर्थकों के दबाव के बाद यह कदम उठाया गया, जिससे उनकी सरकार पर असहमति और नेतृत्व परिवर्तन की मांग तेज हो गई थी।
लिबरल पार्टी में नया नेतृत्व
ट्रूडो के इस्तीफे के बाद, कनाडा में इस साल संसदीय चुनावों का रास्ता साफ हो गया है। लिबरल पार्टी के भीतर नए नेतृत्व की खोज शुरू हो गई है, और यह संभावना जताई जा रही है कि चुनाव जल्दी हो सकते हैं। पार्टी का नया नेता चुने जाने तक ट्रूडो दोनों पदों पर बने रहेंगे।
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ट्रूडो के खिलाफ दबाव
जस्टिन ट्रूडो के खिलाफ पार्टी में असंतोष बढ़ता गया, और उनके शासन के दौरान कई महत्वपूर्ण आरोप लगे। हाल ही में, उनकी सरकार में उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने भी पद छोड़ने का निर्णय लिया था, जिसके बाद ट्रूडो पर दबाव और बढ़ गया।
ट्रूडो की लोकप्रियता में गिरावट
ट्रूडो का भारत विरोधी रुख उनके कार्यकाल का एक प्रमुख मुद्दा बन गया था। उन्होंने भारत के खिलाफ कई विवादास्पद बयान दिए, जो अंततः उनकी पार्टी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का कारण बने। इसके अलावा, देश में बढ़ती महंगाई, आवास की लागत, और बढ़ते आव्रजन ने उनकी लोकप्रियता को और घटाया।
विपक्ष कर रहा था ट्रूडो के इस्तीफे की मांग
जस्टिन ट्रूडो ने अपने संबोधन में कहा, एक नया प्रधानमंत्री और लिबरल पार्टी का नेता अगले चुनाव में अपने मूल्यों और आदर्शों को लेकर जाएगा। मैं आने वाले महीनों में इस प्रक्रिया को देखने के लिए उत्साहित हूं। जस्टिन ट्रूडो ने अपने संबोधन में कहा, सच तो यह है कि इस पर काम करने के तमाम कोशिशों के बावजूद, संसद महीनों से पंगु बनी हुई है। मसलन, वह विपक्षी सांसदों के हंगामे की तरफ इशारा कर रहे थे, जहां लगातार उनके इस्तीफे की मांग उठ रही थी। जस्टिन ट्रूडो ने बताया कि उन्होंने गवर्नर से मुलाकात की और उन्हें अपनी अगली योजना के बारे में बताया था। उन्होंने संबोधन में कहा, "आज ही सुबह मैंने गवर्नर-जनरल को सलाह दी कि हमें संसद का नया सत्र बुलाने की जरूरत है। उन्होंने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया है और अब सदन 24 मार्च तक स्थगित रहेगा।