PM Awas Yojana-Urban 2.0 Scheme: भारत सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए 1 करोड़ आवासों का निर्माण करना है।
इस परियोजना के लिए 2.30 लाख करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिसे विभिन्न तरीकों से वितरित किया जाएगा, इसमें ब्याज सब्सिडी योजना भी शामिल है।
ये खबर भी पढ़िए...PM मोदी आज किसानों को देंगे खास तोहफा, बढ़िया उपज देने वाली फसलों की 109 किस्में करेंगे लॉन्च
देखें किसको मिलेगा योजना का लाभ
प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), निम्न आय वर्ग (LIG) और मध्यम आय वर्ग (MIG) के परिवार शामिल हैं, जिनके पास कोई पक्का घर नहीं है। ये परिवार योजना के तहत घर खरीदने या निर्माण करने के लिए पात्र होंगे।
ये खबर भी पढ़िए...हिंडनबर्ग रिपोर्ट : SEBI चेयरमैन पर अडानी घोटाले में संलिप्तता का आरोप, बुच ने बताया निराधार
इसमें भी इन वर्गों को मिलेगा लाभ
प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के तहत आय वर्ग के आधार पर परिवारों का वर्गीकरण इस प्रकार है:
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS): ₹3 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवार
- निम्न आय वर्ग (LIG): ₹3 लाख से ₹6 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवार
- मध्यम आय वर्ग (MIG): ₹6 लाख से ₹9 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवार
ये खबर भी पढ़िए...पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह का लम्बी बीमारी के बाद 95 साल की उम्र में निधन
ब्याज सब्सिडी योजना
प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के तहत, EWS, LIG और MIG परिवारों को होम लोन पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इन परिवारों को ₹35 लाख तक की कीमत वाले मकान के लिए ₹25 लाख तक के होम लोन पर 4 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी। यह सब्सिडी पहले 8 लाख रुपए के लोन पर 12 वर्ष की अवधि तक लागू होगी। पात्र लाभार्थियों को 5-वार्षिक किश्तों में ₹1.80 लाख की सब्सिडी पुश बटन के माध्यम से जारी की जाएगी। लाभार्थी अपने खाते की जानकारी वेबसाइट, ओटीपी या स्मार्ट कार्ड के जरिए प्राप्त कर सकते हैं।
ये खबर भी पढ़िए...बांग्लादेश के पत्रकार का दावा, राहुल गांधी ने आंदोलन के लिए दिया था ग्रीन सिग्नल
प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी
प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी की शुरुआत 2015 में हुई थी, इसके तहत 1.18 करोड़ आवासों को मंजूरी दी गई थी। इनमें से 85.5 लाख से अधिक आवास पूरे हो चुके हैं और लाभार्थियों को सौंपे जा चुके हैं, जबकि शेष आवास निर्माणाधीन हैं।
thesootr links
द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें