प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को डॉ.अंबेडकर जयंती के मौके पर हरियाणा के यमुनानगर में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान, उन्होंने एक खास शख्स, रामपाल कश्यप, से मुलाकात की और उन्हें जूते पहनाने का सम्मान दिया। दरअसल, रामपाल कश्यप ने 14 साल पहले एक संकल्प लिया था कि वह तब तक जूते नहीं पहनेंगे, जब तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बन जाते। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कसम भी खाई थी कि वह उनसे व्यक्तिगत रूप से नहीं मिल लेते।
आज हम तुमको जूता पहना रहे: मोदी
पीएम मोदी उन्हें जूते पहनाते हुए कहते हैं, "आज हम तुमको जूता पहना रहे हैं, लेकिन बाद में फिर कभी ऐसा नहीं करना... काम करना चाहिए।" इसके बाद पीएम मोदी उनकी पीठ थपथपाते हुए उन्हें शुभकामनाएं देते हैं और रामपाल कश्यप हाथ जोड़कर उनका आभार व्यक्त करते हैं।
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पीएम मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "मैं ऐसे सभी साथियों की भावनाओं का सम्मान करता हूं', साथ ही उन्होंने कहा कि मेरा आग्रह है कि वह इस तरह के प्रण लेने के बजाय किसी सामाजिक अथवा देशहित के कार्य का प्रण लें। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि वह इस प्रकार की भावनाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन लोगों को अपनी ऊर्जा और संकल्प को समाज और देश की भलाई के कार्यों में लगाना चाहिए।
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रामपाल कश्यप का संकल्प
रामपाल कश्यप हरियाणा के कैथल जिले के निवासी हैं। उन्होंने 14 साल पहले एक संकल्प लिया था कि वह तब तक जूते नहीं पहनेंगे जब तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बन जाते और वह उनसे व्यक्तिगत रूप से नहीं मिल लेते। इस संकल्प के चलते वह 14 वर्षों तक नंगे पांव रहे और अंततः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का मौका पाकर अपने संकल्प को पूरा किया।
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