लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दो सीटें- वायनाड और रायबरेली में जीत दर्ज की थी। हालांकि उन्होंने वायनाड सीट छोड़ने का फैसला कर लिया है। उनकी जगह इस सीट पर प्रियंका गांधी उप चुनाव लड़ने वाली हैं ( priyanka gandhi wayanad by election )। अपने भाई की सीट से प्रियंका गांधी राजनीतिक डेब्यू करेगी।
अब इस सीट पर उनके सामने भाजपा की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ( smriti irani vs priyanka gandhi in wayanad ) को चुनावी मैदान में उतारने की अटकलें लग रही हैं। अमेठी में किशोरी लाल शर्मा से चुनाव हारने के बाद अब स्मृति ईरानी के तेज तर्रार अंदाज को वायनाड में आजमाने के कयास लगाए जा रहे हैं।
साउथ में गांधी परिवार की अच्छी पकड़
अमेठी और रायबरेली की तरह दक्षिण भारत में भी कांग्रेस की अच्छी पकड़ है। खासतौर पर गांधी परिवार का दक्षिण भारत से खास नाता है। राहुल गांधी ने भी जब लोगों से जुड़ने के लिए भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी तो वे साउथ ही गए थे।
2019 में जब अमेठी सीट पर राहुल गांधी की पकड़ स्मृति ईरानी के सामने कमजोर होती दिख रही थी तो वे दक्षिण भारत की वायनाड सीट से चुनाव लड़ने पहुंचे।
इसी प्रकार 1977 में रायबरेली से चुनाव हारने के बाद, इंदिरा गांधी 1978 में कर्नाटक के चिकमंगलूर से चुनाव जीतकर संसद भवन पहुंची थी। इसके बाद उन्होंने 1980 में आंध्र प्रदेश के मेडक से जीत हासिल की।
इंदिरा गांधी के बाद सोनिया गांधी ने भी अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत दक्षिण भारत से ही की। वर्ष 1999 में सोनिया गांधी ने अमेठी और कर्नाटक की बेल्लारी से चुनावी लड़ा और दोनों ही सीटों पर जीत हासिल की। हालांकि बाद में उन्होंने बेल्लारी सीट छोड़ दी थी।
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राहुल को हरा चुकी हैं स्मृति
स्मृति ईरानी के प्रियंका गांधी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने के कयास इसलिए लगाए जा रहे हैं क्योंकि वे 2019 में राहुल गांधी को हरा चुकी हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी यूपी की अमेठी लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी थीं।
इस चुनाव में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को 55 हजार से ज्यादा मतों से शिकस्त दी थी। हालांकि 2024 के चुनावों में इसी सीट पर स्मृति को हार झेलनी पड़ी। इसके बावजूद राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि वायनाड में होने वाले उपचुनाव में प्रियंका गांधी के सामने बीजेपी स्मृति ईरान को ही मैदान में उतार सकती है।
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वायनाड में कांग्रेस मजबूत
वायनाड लोकसभा सीट कांग्रेस पार्टी का मजबूत गढ़ है। 2009 में यह सीट अस्तित्व में आई। तब से कांग्रेस का ही इस पर कब्जा रहा है। 2019 में राहुल गांधी ने इस सीट पर 4 लाख 31 हजार से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की थी।
2024 में भी जीत का 3 लाख 64 हजार से ज्यादा रहा। इस दौरान भाजपा प्रत्याशी के. सुरेंद्रन को 1 लाख 41 हजार वोट मिले। वे तीसरे स्थान पर रहे। ऐसे में यह साफ है कि भाजपा जिसे भी वायनाड उपचुनाव के लिए टिकट देगी उसके लिए चुनाव की राह आसान नहीं होगी।
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