फिल्म बाहुबली में देवसेना का किरदार निभाने वाली मशहूर अभिनेत्री अनुष्का शेट्टी ( Anushka Shetty ) एक दुर्लभ बीमारी की चपेट में हैं। खिलखिलाकर हंसने को सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है, लेकिन उनके लिए हंसना सिरदर्द बन गया है।
उन्होंने बताया कि मुझे हंसी की बीमारी है। आप सोच सकते हैं, हंसना भी कोई समस्या हो सकती है? मेरे लिए, यह समस्या है। अगर मैं हंसना शुरू करती हूं, तो मैं 15 से 20 मिनट तक नहीं रुक पाती। कॉमेडी सीन देखते या शूट करते समय, मैं सचमुच हंसते हुए फर्श पर लोट जाती हूं। कई बार तो शूटिंग रोकनी पड़ी है।
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स्यूडोबुलबार एफेक्ट ( पीबीए )
यह एक दुर्लभ बीमारी है, इसे मेडिकल की भाषा में स्यूडोबुलबार एफेक्ट ( PBA ) के रूप में जाना जाता है। जिसके कारण व्यक्ति रोने, हंसने या अन्य प्रकार से अनियंत्रित भावनात्मक प्रदर्शनों का अनुभव करता है।
आमतौर पर, स्यूडोबुलबार एफेक्ट अन्य कई प्रकार की न्यूरोलॉजिकल स्थितियों के बाद होता है। पीबीए का अक्सर सही निदान नहीं हो पाता है और इसे इसे मूड विकारों के रूप में जान लिया जाता है। आइए इस स्वास्थ्य समस्या के बारे में जानते हैं।
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हल्के-फुल्के मजाक पर भी भावनाएं बेकाबू
डॉक्टरों के मुताबिक रोने-हंसने जैसी भावनाओं पर काबू न रहने के कारण रोजमर्रा के कामों में बाधा आ सकती है। बार-बार और अनैच्छिक रूप से रोना या हंसना स्यूडोबुलबार एफेक्ट का प्राथमिक संकेत माना जाता है।
हालांकि हंसी के मुकाबले रोने की भावना इस बीमारी में ज्यादा देखी जाती है। इसके मरीज कई बार ऐसी हल्की-फुल्की मजाकिया टिप्पणी पर भी बेकाबू होकर हंसने लगते हैं, जिस पर दूसरों को हंसी नहीं आती।
कैसे होती है स्यूडोबुलबार एफेक्ट की समस्या
स्यूडोबुलबार एफेक्ट ( Pseudobulbar Affect ) नामक ये समस्या आम तौर पर न्यूरोलॉजिकल स्थितियों या किसी प्रकार की चोट के कारण होती है। मस्तिष्क की चोट, अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसे रोग, मल्टीपल स्क्लेरोसिस या स्ट्रोक के बाद व्यक्ति में इसका खतरा बढ़ जाता है।
इस तरह की स्थिति के कारण भावनाओं को नियंत्रित कर पाना कठिन हो जाता है। रोगी को शर्मिंदगी, आइसोलेशन, चिंता और अवसाद जैसी समस्याओं का भी जोखिम रहता है।
कैसे करें इसकी पहचान?
बार-बार और अनैच्छिक रूप से रोना या हंसना स्यूडोबुलबार एफेक्ट का प्राथमिक संकेत माना जाता है। हालांकि हंसी की तुलना में रोने की भावना इस रोग में अधिक देखी जाती रही है। रोने या हंसने के एपिसोड कई मिनट तक जारी रह सकते हैं।
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उदाहरण के लिए, आप किसी हल्की-फुल्की मनोरंजक टिप्पणी पर भी बेकाबू होकर हंसने लगते हैं या फिर आप ऐसी स्थितियों में बहुत हंसने या रोने लग जाते हैं जो दूसरों को मजेदार या दुखद नहीं लगती।
इसके अलावा, इस रोग के शिकार लोगों में अक्सर अवसाद के लक्षण देखे जा सकते हैं।
इस रोग को कैसे किया जाता है ठीक?
स्यूडोबुलबार एफेक्ट का कोई इलाज नहीं है, लेकिन कुछ दवाएं इसे प्रबंधित करने में मदद कर सकती हैं। उपचार का लक्ष्य हंसने या रोने की आवृत्ति और गंभीरता को कम करना है। रोगी के लक्षणों के आधार पर उन्हें कुछ स्थितियों में एंटीडिप्रेसेंट दवाओं की भी जरूरत हो सकती है।
चूंकि यह रोग मस्तिष्क क्षति और तंत्रिका संबंधी स्थितियों के कारण होता है, इसलिए इस रोकना भी आसान नहीं है।
साउथ की महंगी अभिनेत्री, तीन बार नेशनल अवॉर्ड
अनुष्का शेट्टी की गिनती दक्षिण में सबसे ज्यादा मेहनताना पाने वाली अभिनेत्रियों में होती है। उन्होंने 2005 में तेलुगू फिल्म ‘सुपर’ से कॅरियर की शुरुआत की। वह करीब 50 तमिल और तेलुगू फिल्मों में काम कर चुकी हैं। उन्हें तीन फिल्मों के लिए नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया। अनुष्का ने 2011 में ‘यूथ आइकन ऑफ साउथ इंडियन सिनेमा’ अवॉर्ड जीता था। ( South expensive actress )