Pujhab and Haryana High court ने किसानों से पूछा- क्या आप युद्ध लड़ रहे हैं, बच्चों की आड़ लेकर प्रदर्शन क्यों कर रहे थे

किसानों की याचिका पर अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश (ACJ) जीएस संधावालिया व जे लापीता बनर्जी की खंडपीठ ने किसान आंदोलन की डिटेल में जानकारी ली और किसानों की हरकतों व दोनों राज्यों की सरकार द्वारा इस मामले को सही तरीके से न निपटाने पर कड़े सवाल उठाए।

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Dr Rameshwar Dayal
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NEW DELHI. पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट पंजाब व हरियाणा कोर्ट (Pujhab and Haryana High court) ने दोनों राज्यों के शंभू व खनौरी बॉर्डरों पर प्रदर्शन कर रहे किसानों (Farmer Protest) पर तल्ख टिप्पणियां की है। कोर्ट ने इस बात पर नराजगी जताई कि किसान बच्चों को आगे कर उनकी आड़ में हथियारों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। कोर्ट ने किसानों की इस हरकतों को शर्मनाक बताया और कहा कि कैसे माता-पिता हैं। क्या आप सरकार के साथ युद्ध (War) लड़ रहे हैं। कोर्ट ने किसान आंदोलन ( farmers movement ) को लेकर दोनों राज्यों की सरकारों के व्यवहार पर कड़ा रुख अपनाया और कहा कि दोनों सरकार मामले को एक-दूसरे पर टाल रही हैं। 

किसान को किसने गोली मारी?

इस मसले पर किसानों की याचिका पर कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश (ACJ) जीएस संधावालिया व जे लापीता बनर्जी की खंडपीठ ने किसान आंदोलन की डिटेल में जानकारी ली और किसानों की हरकतों व दोनों सरकार द्वारा इस मामले को सही तरीके से न निपटाने पर कड़े सवाल उठाए। खंडपीठ इस बात से खासी नाराज थी कि आंदोलन के दौरान एक किसान की गोली लगने से मौत हो गई, लेकिन इसकी न तो गंभीरता से जांच की जा रही है और न ही यह पता किया जा रहा है कि इस हत्या का दोषी कौन है। किसानों पर लाठी चलाने, पानी की धार छोड़ने और प्लास्टिक बुलेट पर भी खंडपीठ ने कई सवाल पूछे और कहा कि इस मामले में एहतियात क्यों नही बरती गई। कोर्ट ने मृतक शुभकरण की मौत की जांच के लिए रिटायर जज के नेतृत्व में एक कमेटी बनाने की घोषणा की।

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खुद घायल होते हो और सरकार से मुआवजा मांगते हो

खंडपीठ ने आंदोलन के दौरान किसानों के रुख और और उनके व्यवहार पर तल्ख टिप्पणी की और हरियाणा सरकार की ओर से पेश आंदोलन की अनेक फोटो देखकर याचिकाकर्ता से पूछा यह हथियारों के साथ किस तरह का शांति प्रदर्शन हो रहा है? उन्होंने कहा कि तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि बच्चों को ढाल बनाकर प्रदर्शन हो रहा है। प्रदर्शनकारियों ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी जिससे बाद में कहा जाए कि बच्चे और महिलाएं घायल हो गई हैं। आज की पेशी में हरियाणा व पंजाब सरकार के कई आला अधिकारी भी मौजूद थे। 

किसानों ने कहा- हमें क्यों रोका गया

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता उदयप्रताप सिंह ने पुलिस और शासन की ज्यादती की जानकारी कोर्ट में पेश की और कहा कि पुलिस ने बल प्रयोग कर किसानो को रोका। उन्होंने हताहतों के मुआवजे की मांग की, जिस पर कोर्ट ने कहा कि आप खुद को पहुंचाई गई चोटो का मुआवजा चाहते हैं? किसान नेता दर्शनपाल ने आरोप लगाया कि पुलिस की ओर से गोलियां चलाई गईं और हमारा संगठन बच्चों के साथ हथियार लेकर प्रदर्शन नहीं कर रहा था। उन्होंने कहा कि हम पहले ही घोषणा कर चुके थे कि प्रदर्शन 13 मार्च को दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे। अगर हमें दिल्ली के रामलीला मैदान में जगह मिल जाती तो नौबत यहां तक नहीं आती।

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