भोपाल. प्रदेश में अब सुबह 6 से नौ बजे तक और शाम पांच से रात 10 बजे तक बिजली महंगी मिला करेगी। दरअसल, उक्त समय के दौरान होने वाली खपत पर 20 प्रतिशत सरचार्ज लगेगा। इसके साथ ही मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ( Madhya Pradesh Electricity Regulatory Commission ) ने बिजली की दरों में 0.07 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है। नियामक आयोग का यह आदेश 6 मार्च से लागू हो गया है।
मीटर रेंट अथवा मीटरिंग चार्ज हटाया
आयोग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि विगत वर्ष की भांति उपभोक्ताओं को मीटर रेंट अथवा मीटरिंग चार्ज नहीं देना होगा। निम्नदाब घरेलू, गैर घरेलू, औद्योगिक और कृषि उपभोक्ताओं के न्यूनतम प्रभार समाप्त किए गए हैं। आयोग द्वारा कहा गया है कि सरकार प्रदेश के किसानों के हित में निरंतर कार्य कर रही है। इसके अंतर्गत एमपी विद्युत नियामक आयोग द्वारा 6 मार्च को जारी विद्युत दरों के अनुसार तीन हॉर्स पॉवर, पॉच हॉर्स पॉवर एवं 10 हॉर्स पावर के कृषि उपभोक्ताओं को साल भर में 29 हजार 533 रुपए, 52 हजार 676 रुपए एवं 1 लाख 11 हजार 667 रुपए का बिल आता है, जबकि राज्य शासन द्वारा कृषि पंपों पर वर्तमान में लागू सब्सिडी के अनुसार किसानों को मात्र 750 रुपए प्रति हॉर्स पॉवर प्रति वर्ष देना होता है। यानी इस श्रेणी के उपभोक्ताओं को 2250 रुपए, 3750 रुपए एवं 7500 रुपए का ही भुगतान करना होगा।
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टैरिफ की खास बातें
- संविदा मांग 10 किलोवाट से अधिक के औद्योगिक एवं गैर घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता के लिए टीओडी ( टाइम ऑफ डे) के आधार पर होगी। यानी समय अनुसार टैरिफ की घोषणा की गई है।
- इसमें सोलर अवधि ( सुबह 9 से शाम 5 बजे तक ) 20 प्रतिशत की छूट एवं पीक अवधि (सुबह 6 से 9 बजे एवं शाम 5 से रात 10 बजे तक) 20 प्रतिशत सरचार्ज लागू किया गया है।
- उच्चदाब उपभोक्ताओं जिन पर टीओडी दरें लागू हैं, उन्हें रात्रिकालीन उपभोग (रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक) पर पूरे वर्ष विद्युत दर में 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
- जो उपभोक्ता पर्यावरण के लिये जागरुक हैं और केवल रिन्यूएवल एनर्जी से ही बिजली जलाना चाहते हैं वह 0.56 रुपए प्रति यूनिट का अतिरिक्त भुगतान कर ग्रीन एनर्जी से बिजली उपयोग कर सकते हैं । इन दरों में विगत वर्ष की तुलना मे 42 प्रतिशत की कमी की गई है।
- उच्चदाब और अति उच्चदाब उपभोक्ताओं को छूट/प्रोत्साहन की व्यवस्था जारी रहेगी।
- प्रीपेड उपभोक्ताओं को छूट और प्रोत्साहन की व्यवस्था जारी रहेगी।
- राज्य सरकार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में.24000 करोड़ सब्सिडी के रूप में दिए जा रहे हैं। अगले वित्त वर्ष में सब्सिडी की राशि बढ़कर 25500 करोड़ होने की संभावना है।