NEW DELHI. 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से ठीक पहले पाकिस्तान और चीन के हैकर्स भारत की कई महत्वपूर्ण वेबसाइट (Website) को निशाना बना रहे थे। एक अखबार ने अपनी रिपोर्ट में इसका दावा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक हैकर्स ने राम मंदिर, प्रसार भारती और यूपी सरकार से जुड़ी कई वेबसाइट को हैक करने का प्रयास किया था।
TSOC की 264 वेबसाइट पर थी पैनी नजर
भारत का टेलिकॉम ऑपरेशन सेंटर (TSOC) प्राण प्रतिष्ठा से पहले करीब 264 वेबसाइट पर नजर रख रहा था। इसमें राम मंदिर, प्रसार भारती, यूपी पुलिस, एयरपोर्ट, यूपी टूरिज्म समेत कई वेबसाइट शामिल थीं। इस दौरान TSOC को करीब 140 IP एड्रेस ऐसे मिले थे, जो राम मंदिर और प्रसार भारती वेबसाइट को टारगेट कर रहे थे।
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चीन, पाक और कंबोडिया के IP एड्रेस ब्लॉक किए गए
रिपोर्ट के मुताबिक 21 जनवरी को पाकिस्तान और चीन की तरफ से साइबर क्राइम की कोशिशें तेज हो गई थी। इस दौरान करीब 1244 IP एड्रेस ब्लॉक किए गए थे। इनमें से 999 चीन के थे, जबकि बाकी पाकिस्तान, हॉन्गकॉन्ग और कंबोडिया के थे। इसके अलावा कुछ IP एड्रेस भारत के ही थे, जिनके खिलाफ जरूरी कार्रवाई की गई थी।
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साइबर हमलों का सामना अपनी ही तकनीकी से किया
रिपोर्ट के मुताबिक एक भारतीय अफसर ने बताया कि इन साइबर हमलों का सामना देश में ही बनी तकनीक के जरिए किया गया। इससे पहले G20 समिट के दौरान भी भारत के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की रक्षा के लिए इन तकनीकों का इस्तेमाल किया गया था। इसमें भारत में बने AI और मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी की सहायता ली गई, जिससे साइबर हमले से पहले से ही इसकी जानकारी मिल सके।
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पाकिस्तान ने कहा था- राम मंदिर भारतीय लोकतंत्र पर कलंक
राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इसकी निंदा की थी। 22 जनवरी को एक स्टेटमेंट में मंत्रालय ने कहा था- यह मंदिर बाबरी मस्जिद को तोड़कर बनाया गया है। ध्वस्त मस्जिद की जगह पर बना मंदिर आने वाले समय में भारतीय लोकतंत्र के माथे पर कलंक की तरह बना रहेगा।
पाक ने UN में उठाया था राम मंदिर का मुद्दा
भारत में बढ़ती 'हिंदुत्व' विचारधारा धार्मिक सद्भाव और क्षेत्रीय शांति के लिए बड़ा खतरा है। ऐसा करके भारत मुस्लिमों को दरकिनार करने की कोशिश कर रहा है। इसके अलावा पाकिस्तान ने UN में भी राम मंदिर का मामला उठाया था।