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Photograph: (THESOOTR)
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में कहा कि भारत का चुनावी सिस्टम "मर चुका" है। उन्होंने आरोप लगाया कि 10-15 सीटों पर धांधली न होती, तो मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनते। राहुल ने चुनाव आयोग ( Election Commission ) पर धांधली में भाग लेने का आरोप लगाया और सबूत होने का दावा किया।
राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने अपनी इस स्पीच में चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कई सवाल खड़े किए। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की भारी जीत को लेकर 2014 से ही उनके मन में शंका थी। उनका कहना था कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच एक करोड़ नए मतदाता जुड़े, जिनमें से अधिकांश वोट भाजपा को गए।
चुनाव आयोग पर आरोप
चुनाव आयोग पर राहुल गांधी के आरोप ( Rahul Gandhi Allegations ) हैं कि यह संस्था अब संविधान की रक्षा करने वाली संस्था नहीं रही है। उनका कहना था कि चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को स्कैन और कॉपी प्रोटेक्शन के तहत रखा, जिससे उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों को चोरी किया जा सके या गलत तरीके से उपयोग किया जा सके। उनका सवाल था, "चुनाव आयोग ऐसा क्यों करता है?"
राहुल के इस बयान के बाद, चुनाव आयोग ने अपनी प्रतिक्रिया दी और इसे निराधार आरोप करार दिया। आयोग ने कहा कि वे इन आरोपों को नजरअंदाज करते हुए निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से अपने काम को जारी रखेंगे।
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चुनाव में धांधली के आरोप और सबूत
राहुल गांधी ने इस बार फिर चुनावी धांधली के आरोपों को फिर से उठाया। उन्होंने दावा किया कि उनके पास चुनाव आयोग द्वारा की गई धांधली के "100% सबूत" हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि जैसे ही हम इसे जारी करेंगे, पूरा देश जान जाएगा कि चुनाव आयोग किस तरह से भाजपा के लिए वोट चुराने का काम कर रहा है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि महाराष्ट्र में भाजपा के लिए भारी धांधली की गई और इसे छुपाया गया।
राहुल ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग की भूमिका को लेकर उनका शक और बढ़ गया था, खासकर मध्य प्रदेश और कर्नाटक चुनावों के दौरान। उनका कहना था कि एक निर्वाचन क्षेत्र में 50, 60 और 65 साल के हजारों नए वोटरों को जोड़ दिया गया, जबकि 18 साल से ऊपर के लोगों को मतदाता सूची से हटा दिया गया।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का जवाब
राहुल गांधी के आरोपों के बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी के पास "एटम बम" के रूप में कोई सबूत है तो उन्हें उसे फोड़ देना चाहिए।
राजनाथ सिंह ने कहा कि राहुल गांधी को इस मामले में सावधानी बरतनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह सुरक्षित रहें। उन्होंने राहुल के बयानों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि ऐसे आरोपों को बिना किसी सटीक सबूत के लगाना उचित नहीं है।
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बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण पर सवाल
बिहार में चुनाव आयोग द्वारा वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण पर भी राहुल गांधी ने सवाल उठाए। विपक्ष ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने बिहार में वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण के दौरान कई मतदाताओं के नाम हटा दिए हैं।
बिहार में मतदाता सूची के रिवीजन के पहले चरण के आंकड़ों के अनुसार, 65 लाख मतदाताओं को सूची से हटा दिया गया है, जिससे यह मुद्दा और गरमा गया है।
राहुल गांधी और विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग के खिलाफ आंदोलन तेज कर दिया है। वे चुनाव आयोग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, ताकि वोटर लिस्ट में सुधार किया जा सके और सभी मतदाताओं को उनका अधिकार मिल सके।
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राहुल गांधी के आरोपों की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी के आरोपों पर राजनीति का पारा चढ़ चुका है। एक तरफ जहां राहुल गांधी चुनाव आयोग पर आरोप लगा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ भाजपा और अन्य नेता उनके बयानों का विरोध कर रहे हैं।
भाजपा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी यह सब केवल राजनीतिक फायदे के लिए कर रहे हैं। इसके अलावा, भाजपा ने यह भी कहा कि राहुल गांधी के पास जो भी सबूत हैं, उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए ताकि इन आरोपों की सच्चाई सामने आ सके।
चुनाव आयोग का कड़ा जवाब
चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा कि वह इन निराधार आरोपों को पूरी तरह से नकारता है और अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह से सक्षम है। आयोग ने कहा कि वह किसी भी प्रकार के दबाव या धमकी का शिकार नहीं होगा और वह हमेशा निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
आयोग ने आगे कहा कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखना उसकी प्राथमिकता है और वह किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या धांधली को बर्दाश्त नहीं करेगा।
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