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भारतीय रेलवे में प्रमोशन की परीक्षा में नकल के मामले सामने आने के बाद रेलवे बोर्ड ने सख्त कदम उठाया है। पश्चिम मध्य रेलवे (WCR) जोन में क्लास-फोर से क्लास-थ्री के प्रमोशन के लिए आयोजित जनरल डिपार्टमेंटल कॉम्पीटीटिव एग्जाम (GDCE) को निरस्त कर दिया गया है। इस परीक्षा के माध्यम से 254 पदों पर भर्ती की जानी थी, लेकिन परीक्षा में धांधली की शिकायतों के बाद बोर्ड ने यह निर्णय लिया।
उम्मीदवारों को दोबारा देनी होगी परीक्षा
रेलवे बोर्ड के इस फैसले के कारण उम्मीदवारों को दोबारा परीक्षा देनी होगी। कई उम्मीदवार जो परीक्षा में पास हो चुके थे, अब दोबारा लंबी प्रक्रिया से गुजरने को मजबूर होंगे। इस फैसले से सैकड़ों उम्मीदवारों को भारी नुकसान हुआ है। वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के महासचिव अशोक शर्मा ने बताया कि, रेलवे बोर्ड के निर्णय से उम्मीदवारों में गहरी निराशा है। हमने जीएम के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई है और समाधान की मांग की है।
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रेलवे बोर्ड ने विभागीय परीक्षा के अधिकार छीने
रेलवे बोर्ड ने हाल ही में देशभर के सभी जोन और मंडलों से विभागीय पदोन्नति परीक्षा आयोजित करने के अधिकार वापस ले लिए हैं। बोर्ड ने पाया कि विभिन्न रेलवे डिवीजनों में नकल और गड़बड़ी के कई मामले सामने आ रहे थे। जिसके बाद इस प्रोसेस को रद्द कर दिया गया। अब दोबारा इसकी परीक्षा आयोजित की जाएगी।
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मुगलसराय रेल डिवीजन में हुई थी नकल की पुष्टि
रेलवे बोर्ड और CBI की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि मुगलसराय रेल डिवीजन में विभागीय परीक्षा के दौरान बड़े पैमाने पर नकल कराई गई थी। इस छापेमारी में मिली गड़बड़ियों के चलते रेलवे बोर्ड ने सख्त निर्णय लेते हुए विभागीय परीक्षा की पूरी प्रक्रिया को रोक दिया।
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254 पदों पर भर्ती प्रक्रिया अंतिम चरण में थी
पश्चिम मध्य रेलवे जोन में 254 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी थी। चयन के अंतिम चरण में इंटरव्यू पैनल का गठन किया जा चुका था और एक सप्ताह पहले नियुक्तियों को अंतिम रूप दिया गया था। लेकिन रेलवे बोर्ड के इस निर्णय से पूरी प्रक्रिया को रोक दिया गया।
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