Udaipur Special Gun Holi : यहां रंगों से नहीं बंदूकों से खेलते हैं होली, जानिए क्यों

उदयपुर के मेनार गांव में होली अनोखे तरीके से मनाया जाता है। यहां की परंपरा 400 साल पुरानी है, जिसमें लोग रंगों से नहीं, बल्कि बारूद और तोपों से होली खेलते हैं। जमराबीज पर जबरी गैर के नाम से यह उत्सव होता है, जिसमें तलवारों और बंदूकों की आवाज गूंजती है।

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Manya Jain
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Udaipur Special Gun Holi
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Udaipur Special Gun Holi: देशभर में होली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित मेनार गांव में होली मनाने का तरीका कुछ खास है। यह परंपरा 400 साल पुरानी है, जिसमें लोग रंगों से नहीं, बल्कि बारूद और तोपों से होली खेलते हैं। मेनार गांव में हर साल धुलंडी के अगले दिन जमराबीज पर जबरी गैर के नाम से यह अनोखी होली खेली जाती है। इस दिन तलवारों, बंदूकों और तोपों की आवाज के बीच एक युद्ध जैसा माहौल बनता है, जो इस पारंपरिक उत्सव को और भी खास बना देता है।

मेनार गांव की अनोखी होली की परंपरा

मेनार गांव का जमराबीज (Jamrabij) त्योहार उन स्थानों में से एक है, जहां होली का रंग कुछ अलग ही होता है। इस दिन पूरे गांव में बंदूक, तोप और तलवारों की गूंज सुनाई देती है। इस दिन, मेवाड़ी योद्धा पारंपरिक पोशाक पहनकर ओंकारेश्वर चौक पर इकठ्ठे होते हैं और तोपों से गोला दागते हैं। हर साल 15 मार्च को यह उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है, और यहां के लोग इस दिन अपने घरों में पड़ी बंदूकों और तलवारों की साफ-सफाई करने के लिए तैयार रहते हैं। शाम होते ही, बच्चे, बूढ़े और जवान सब पारंपरिक वेशभूषा में सजधज कर उत्सव में भाग लेने के लिए इकठ्ठे होते हैं।

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इतिहास की झलक

इस परंपरा की शुरुआत 400 साल पहले हुई थी, जब मेनारिया ब्राह्मणों ने मुगलों से युद्ध में जीत प्राप्त की थी। इतिहासकारों के अनुसार, मेवाड़ में मुगलों के अत्याचार से लोग परेशान थे, और इस युद्ध के दौरान मेनारिया ब्राह्मणों ने मुगलों को धोखे से गैर कार्यक्रम में बुलाया और इस दौरान ढोल की थाप पर जोश में आकर युद्ध की शुरुआत कर दी। इस युद्ध में मेनारिया ब्राह्मणों ने मुगलों को हराकर गांव को स्वतंत्र किया था, और तभी से इस दिन की खुशी में जमराबीज त्योहार मनाने की परंपरा शुरू हुई।

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कैसे मनाते हैं मेनार में होली?

मेनार में होली का जश्न पूरी रात चलता है। गांव के लोग पारंपरिक वेशभूषा में सजधज कर उत्सव में शामिल होते हैं। जैसे-जैसे रात बढ़ती है, वैसे-वैसे उत्साह और जोश भी बढ़ता है।

Rajasthan : उदयपुर के मेनार गांव में खेली गई बारूद की होली, 400 साल से चली  आ रही है परंपरा - Rajasthan Gunpowder Holi played in Menar village of  Udaipur tradition going

टोपीदार बंदूकों और तोपों की गूंज से पूरा गांव गूंज उठता है और यह दृश्य युद्ध के जैसा होता है। इस दिन, मेनारिया समाज के लोग खुशी से मस्ती करते हैं और जमकर पारंपरिक नृत्य करते हैं। यहां के लोग इस दिन को लेकर इतने उत्साहित रहते हैं कि विदेशों में रहने वाले लोग भी इस उत्सव में भाग लेने के लिए अपने घर लौट आते हैं।

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