Rajya Sabha Election 2024 : राज्यसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को बहुमत ( NDA gets majority in Rajya Sabha ) प्राप्त हो गया है। इसका कारण यह है कि 9 राज्यों की 12 राज्यसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले ही सभी उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं।
इनमें असम, बिहार और महाराष्ट्र की दो-दो सीटों पर और हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, त्रिपुरा, तेलंगाना और ओडिशा की एक-एक सीट पर जीत दर्ज की गई है। निर्वाचित उम्मीदवारों में भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) के 9, कांग्रेस का एक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का एक और राष्ट्रीय लोक मोर्चा का एक सदस्य शामिल है। इसके साथ ही राज्यसभा में एनडीए का आंकड़ा मनोनीत और निर्दलीय सदस्यों के समर्थन के साथ बहुमत के आंकड़े को पार कर गया है।
राज्यसभा की कुल 12 सीटें हुई थीं खाली
असम के कामाख्या प्रसाद ताशा और सर्वानंद सोनोवाल, बिहार की मीसा भारती और विवेक ठाकुर, हरियाणा के दीपेंद्र हुड्डा, मध्य प्रदेश के ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया, महाराष्ट्र के छत्रपति उदयन राजे भोसले और पीयूष वेदप्रकाश गोयल, राजस्थान के केसी वेणुगोपाल और त्रिपुरा के बिप्लब देव के लोकसभा के लिए चुने जाने के कारण उनकी राज्यसभा सीटें खाली हो गईं। इसके अलावा, तेलंगाना के केशव राव और ओडिशा की ममता मोहंता ने इस्तीफा दे दिया था, जिससे कुल 12 सीटें खाली हो गईं। अब इन सीटों पर निर्विरोध निर्वाचित हुए सदस्यों का कार्यकाल 2028 तक होगा।
कुल 245 सीटों में से 8 सीटों खाली
राज्यसभा में बीजेपी की संख्या ( BJP tally in Rajya Sabha ) में वृद्धि हुई है, जो अब 96 हो गई है। एनडीए की संख्या भी बढ़कर 112 हो गई है। राज्यसभा की कुल 245 सीटों में से 8 सीटें अभी भी खाली हैं, जिनमें जम्मू-कश्मीर की 4 सीटें और 4 मनोनीत सीटें शामिल हैं। वर्तमान में बहुमत का आंकड़ा 119 है, और एनडीए को 6 मनोनीत और 1 निर्दलीय सदस्य का समर्थन प्राप्त है, जिससे एनडीए बहुमत के आंकड़े को पार कर गई है।
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राज्यसभा में बीजेपी की आसान हुई राह
विशेषज्ञों के अनुसार अब बीजेपी को राज्यसभा में किसी भी महत्वपूर्ण बिल को पारित करने के लिए बीजेडी, वायएसआर कांग्रेस, बीआरएस और एआईएडीएमके पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की राज्यसभा में नेता विपक्ष की कुर्सी सुरक्षित रहेगी। राज्यसभा में कांग्रेस की संख्या एक बढ़कर अब 27 हो गई है, जो कि नेता विपक्ष की कुर्सी के लिए आवश्यक 25 सीटों से दो अधिक है।
3 सितंबर को होना था चुनाव उपचुनाव
चुनाव आयोग ने अगस्त में राज्यसभा उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी की थी, जिसमें नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 27 अगस्त थी। वहीं मतदान 3 सितंबर को होना था, लेकिन सभी 12 सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए, ऐसे में इस सीटों पर अब मतदान की आवश्यकता नहीं है।
पहले क्या थी इन 12 सीटों की स्थिति
पहले राज्यसभा की 12 सीटों पर चुने गए सदस्यों में से अधिकांश 7 बीजेपी के थे, जबकि कांग्रेस के 2, बीआरएस, बीजेडी और आरजेडी के एक-एक सांसद थे। बीजेपी का असम और महाराष्ट्र में दो-दो, मध्य प्रदेश, बिहार और त्रिपुरा में एक-एक सीट पर कब्जा था। कांग्रेस का हरियाणा और राजस्थान में एक-एक सीट पर कब्जा था, जबकि बिहार में आरजेडी का एक सीट पर कब्जा था। तेलंगाना में बीआरएस का एक सीट पर कब्जा था, जिसे के. केशवराज ने छोड़ दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए। ओडिशा में बीजेडी का एक सीट पर कब्जा था, जिसे ममता मोहंता ने छोड़ दिया और बीजेपी में शामिल हो गईं।
राज्यसभा में होते हैं कुल 250 सदस्य
राज्यसभा में कुल 250 सदस्य होते हैं। इनमें से 238 सदस्यों का चुनाव होता है और शेष 12 सदस्यों को राष्ट्रपति द्वारा नामित किया जाता है। राज्यसभा में प्रत्येक राज्य के प्रतिनिधित्व की संख्या उस राज्य की जनसंख्या के आधार पर निर्धारित की जाती है।
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