BHOPAL. रंग पंचमी ( Rang Panchami ) हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। रंग पंचमी प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तरी भारत में मनाया जाता है। हिंदू पंचांग ( Hindu Almanac ) के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष ( krshn paksh ) की पंचमी तिथि को रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस बार रंग पंचमी 30 मार्च यानी आज मनाया जा रहा है। भारत में कुछ स्थानों पर रंग पंचमी पर होली खेली जाती है। कहते हैं कि इस दिन देवी देवताओं से जो भी मांगो वो सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।
जानें रंग पंचमी के त्योहार के लिए शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, रंग पंचमी ( Rang Panchami ) की तिथि 29 मार्च यानी कल 8 बजकर 20 मिनट से शुरू हो चुकी है,और समापन 30 मार्च यानी आज रात 9 बजकर 13 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, रंग पंचमी 30 मार्च यानी आज ही मनाई जा रही है। ज्योतिषचार्यों के मुताबिक रंग पंचमी में पूजन के लिए मुहूर्त आज अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। रवि योग, रात 10 बजकर 3 मिनट से लेकर 31 मार्च को सुबह 6 बजकर 12 मिनट तक रहेगा।
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रंग पंचमी 2024 उपाय
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज का दिन काफी शुभ माना जाता है। इस दिन नेगेटिविटी बहुत कम होती है। रंग पंचमी पर आप कुछ सरल से उपाय कर अपने जीवन की कई बड़ी मुश्किलों को दूर कर सकते हैं। आइए जानते हैं रंग पंचमी पर करने वाले उपायों के बारे में....
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रंगपंचमी की पूजन विधि
रंगपंचमी का त्योहार भगवान कृष्ण और राधा जी को समर्पित होता है, वहीं भारत के कुछ हिस्सों में भगवान विष्णु की पूजा की भी प्रथा है। इस दिन लोग सुबह उठकर स्नान करने के बाद भगवान कृष्ण और मां राधा के सामने घी का दीया जलाकर लाल रंग का गुलाल अर्पित करते हैं। मान्यता के अनुसार, रंगपंचमी के दिन विधिवत पूजन से शादीशुदा जोड़ों को जीवन में आनंद और सुख की प्राप्ति होती है। इसके अलावा भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के पूजन में लाल फूल और पीले वस्त्रों का इस्तेमाल किया जाता है।
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रंगपंचमी के दिन करें ये उपाय
1. माता लक्ष्मी के मंत्र 'ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः' का जाप करें।
2. माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु को गुड़ और मिश्री का भोग लगाएं।
3. भगवान कृष्ण और मां राधा को लाल, पीला गुलाल और इत्र चढ़ाएं।
4. घर में हर जगह गंगाजल का छिड़काव करें. ऐसा करने से घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और घर में शांति बनी रहती है।
5. भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं।
कैसे मनाया जाता है रंगपंचमी का त्योहार?
रंगपंचमी का त्योहार भी होली यानी ( धुलेंडी ) के पर्व की तरह ही मनाया जाता है। इस दिन, लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और अपनी खुशी जाहिर करते हैं। हालांकि देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग केसर आदि चीजों से बने इत्र और रंगों को भी भगवान कृष्ण और राधा जी को अर्पित करते हैं। इसके अलावा, देशभर में लोग जुलूस भी निकालते हैं। मान्यता के अनुसार, रंगपंचमी का त्योहार पर्यावरण को शुद्ध करने का एक तरीका है। इसका सकारात्मक प्रभाव हमारी मानसिक और शारीरिक सेहत पर पड़ता है। इसके अलावा, कई लोग यह भी मानते हैं कि इस दिन विधिवत पूजन से पूर्वजन्म के पापों से मुक्ति मिल जाती है।