संजय गुप्ता, INDORE. कर्नाटक के राज्यपाल ( Governor ) थावरचंद गेहलोत के प्रोटोकाल में भारी चूक का मामला सामने आया है। राज्यपाल परिवार के सदस्यों के साथ ओंकारेश्वर गए थे। उनके नातिन को इस दौरान लू लग गई। बाद में वह बेहोश से हो गई, लेकिन एंबुलेंस में कोई दवा ही नहीं थी। नातिन की स्थिति देख राज्यपाल गेहलोत का बीपी और शुगर बढ़ गया। बाद में सभी को बांबे अस्पताल लाया गया।
राज्यपाल की हालत ठीक, नातिन आईसीयू में
दोनों को बाद में तत्काल बांबे अस्पताल लाया गया। यहां पर राज्यपाल का शुगर और बीपी चेक किया गया। डॉक्टरों की निगरानी में थोड़ी देर रहने के बाद वह समान्य हुए, लेकिन नातिन को तत्काल आईसीयू में एडमिट कराया गया। डॉक्टरों की निगरानी में हैं, हालांकि अब हालत बेहतर है और चिंता वाली अब कोई बात नहीं है।
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प्रोटोकाल में चूक की हुई शिकायत, अधिकारी भी पहुंचे अस्पताल
उधर प्रोटोकाल में चूक को लेकर नाराजगी जाहिर की गई है। एंबुलेस में दवा व अन्य संसाधन नहीं होने की शिकायत सीएम डॉ. मोहन यादव से लेकर कलेक्टर तक से की गई है। हालांकि, उधर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एंबुलेंस में सभी सुविधा थी, जो प्रोटोकाल के हिसाब से होना जरूरी रहता है। सूत्रों के अनुसार कई अधिकारी भी राज्यपाल महोदय का स्वास्थ्य देखने के लिए तत्काल अस्पताल पहुंच गए। वहीं स्वास्थ्य खराब होने के चलते राज्यपाल ने शुक्रवार को इंदौर से बाहर जाने का कार्यक्रम निरस्त कर दिया।
एंबुलेंस में न स्टाफ नर्स न ही कोई डॉक्टर था
राज्यपाल महोदय की शिकायत के बाद अधिकारियों ने खुद एंबुलेंस का निरीक्षण किया और इसमें न कोई स्टाफ नर्स वगैरह थे न कोई डॉक्टर न ही अन्य मूलभूत सुविधा थी, केवल एक बेड लगा हुआ था, इस पर भारी नाराजगी जाहिर की गई। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि ड्यूटी डॉक्टर सांखला को सस्पेंड कर रहे हैं।