चंपावत (उत्तराखंड)। सरकारी फाइलों की खोजबीन अब सिर्फ अलमारियों और डेस्क तक सीमित नहीं रही-अब देवताओं की अदालत में भी अर्जी लगाई जा रही है!
वाकया उत्तराखंड के चंपावत जिले के लोक निर्माण विभाग ( पीडब्ल्यूडी ) का है। लोहाघाट डिवीजन में कार्यरत अपर सहायक अभियंता जय प्रकाश की सेवा पुस्तिका रहस्यमय ढंग से कार्यालय की अलमारी से गायब हो गई। ढूंढ़ते-ढूंढ़ते जब अधिकारी थक गए, तो कथित तौर पर अधिशासी अभियंता आशुतोष कुमार की ओर से शुक्रवार को एक आदेश जारी हुआ-"अब देवता ही न्याय करेंगे!"
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सुनाया दो मुट्ठी चावल लाने का लिखित फरमान
आदेश में कहा गया-“कार्यालय में खोजबीन के बाद भी सेवा पुस्तिका न मिल पाना खेद का विषय है। संबंधित अधिकारी मानसिक तनाव में हैं। अतः दैवीय आस्था के आधार पर सभी कर्मचारी अपने घर से दो मुट्ठी चावल लाएं,जो मंदिर में अर्पित किए जाएंगे। देवता से सेवा पुस्तिका खोजने की प्रार्थना की जाएगी। अब,वही न्याय करेंगे।”
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लेकिन ट्विस्ट यहीं नहीं थमा...
सोशल मीडिया पर आदेश वायरल होते ही विभाग प्रमुख राजेश चंद्र ने शनिवार को अधिशासी अभियंता को शोकाज नोटिस देकर जवाब तलब किया। परेशानी बढ़ी तो अधिशासी अभियंता आशुतोष कुमार ने यू-टर्न लेते हुए कहा-“यह आदेश फर्जी है, मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा !
इसकी जांच कराई जाएगी।” उन्होंने माना कि फाइल सच में गायब है, पर ‘दैवीय समाधान’ का आदेश उनकी जानकारी में नहीं है।
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सोशल मीडिया पर खूब लिए गए चटकारे
शनिवार को यह आदेश किसी ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। सोशल मीडिया पर आदेश की भाषा वायरल होते ही मीम्स की बहार आ गई। लोग चुटकी लेने लगे। यूजर्स ने लिखा—
👉 “ अगर चावल से फाइल मिल जाती, तो RTI की जरूरत ही क्या थी ? ”
👉 “ अब से ऑफिस में पूजा अनिवार्य-पेन के साथ अगरबत्ती भी लाओ! ”
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चावल चढ़ेंगे या आदेश की परतें खुलेंगी?
बहरहाल,सरकारी तंत्र की गुमशुदा फाइलें तो अक्सर सुर्खियों में रहती हैं,लेकिन इस बार मामला'दैवीय डिलीवरी'तक पहुँच गया। अब जनता को इंतज़ार है-चावल चढ़ेंगे या आदेश की परतें खुलेंगी ?