PDS rice scam in the name of dead people Raipur : छत्तीसगढ़ में राशन के चावल का बड़ा घोटाला सामने आ रहा है। यह सब सरकार की नाक के नीचे यानी रायपुर जिले में चल रहा था। इसका खुलासा हुआ तो सरकार और अफसरों के होश उड़ गए। दरअसल, रायपुर में ही पांच हजार करोड़ से ज्यादा का चावल मृतकों के नाम पर बांट दिया गया है।
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केवाइसी में हुआ खुलासा
रायपुर जिले में बीते चार साल से मृत लोगों के हिस्से का खाद्यान्न उनके ही स्वजन उठा रहे हैं। इसका खुलासा राशनकार्ड के चल रही केवाइसी में हुआ है। चार साल में तकरीबन 57 अरब के चावल का उठाव हो गया है।
दरअसल, ई-केवाइसी के लिए राशनकार्ड में दर्ज सदस्यों का बायोमैट्रिक प्रमाण लिया गया था। राशनकार्ड में दर्ज सदस्य जब ई-केवाइसी कराने राशन दुकान नहीं पहुंचे तो दुकान संचालकों से उनका आधार कार्ड मांगा गया। तब जाकर स्वजन ने बताया कि ई-केवाइसी नहीं कराने वालों की मौत हो चुकी है। ऐसे सदस्यों की संख्या 2050 सामने आई है।
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चार लाख लोगों ने नहीं कराई ई-केवाइसी
खाद्य विभाग के अफसरों का कहना है कि चार लाख लोगों ने अब तक ई-केवाइसी नहीं कराई है। अफसरों का कहना है कि जिनकी ई-केवाइसी नहीं होगी, उनका नाम राशन की लिस्ट से काट दिया जाएगा। ई-केवाइसी के लिए जारी की गई समय सीमा समाप्त हो गई है।
ऐसे, समझें फर्जीवाड़े का गणित
एक महीने में सात किलो चावल दिया जाता है। एक महीने में और एक माह में 2,050 सदस्यों प्रतीकात्मक के हिसाब से करीब 14 हजार 350 किलो यानी 143 क्विंटल चावल का फर्जी आहरण कर लिया गया। यह आंकड़ा चार साल में 6,888 क्विंटल प्रति सदस्य होता है। इसकी कीमत सरकारी भाव में 40 रुपए प्रति किलो है। इस तरह एक मृत व्यक्ति के नाम पर करीब दो करोड़ 75 लाख 52 हजार रुपए का चावल ले लिया गया। अब तक की जांच में मिले मृत लोगों के हिसाब से यह राशि 57 अरब के करीब हो रही है।
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