/sootr/media/media_files/2025/10/02/rss-chief-mohan-bhagwat-2025-10-02-16-17-47.jpg)
Photograph: (thesootr)
RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) प्रमुख मोहन भागवत ने विजयदशमी कार्यक्रम के दौरान देश की मौजूदा आर्थिक व्यवस्था पर अपनी चिंता व्यक्त की।
भागवत ने कहा कि वर्तमान में अमीर और गरीब के बीच की खाई (gap between rich and poor) लगातार बढ़ रही है, जो देश के सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने को प्रभावित कर रही है। मोहन भागवत के मुताबिक, इस खाई के बढ़ने के कारण शोषण तंत्र (exploitation system) का निर्माण हो रहा है, जो एक गंभीर समस्या बन सकती है।
मौजूदा आर्थिक प्रणाली में बताई कमियां
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने यह कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में कुछ ऐसी खामियां हैं, जिनके कारण कुछ चंद लोग अधिक संपत्ति पर कब्जा कर रहे हैं, जबकि समाज के गरीब वर्ग की स्थिति लगातार खराब हो रही है।
मोहन भागवत ने कहा कि अमीर और गरीब के बीच बढ़ती असमानता (inequality) का प्रभाव न केवल देश की आर्थिक स्थिति पर पड़ता है, बल्कि यह सामाजिक असंतोष और तनाव का कारण भी बन सकता है।
RSS प्रमुख भागवत ने यह भी कहा कि यह असमानता देश के सामाजिक ताने-बाने को कमजोर कर रही है, और इसकी वजह से समाज में शोषण का नया तंत्र (exploitation system) विकसित हो रहा है, जो गरीबों को और भी ज्यादा कमजोर बना रहा है।
ये खबर भी पढ़ें...
आरएसएस के शताब्दी वर्ष पर पहलगाम हमले, Gen Z आंदोलन समेत कई मुद्दों पर बोले मोहन भागवत
शोषण तंत्र का निर्माण
RSS प्रमुख ने यह भी कहा कि अमीर और गरीब के बीच बढ़ती खाई ने शोषण तंत्र (exploitation system) को जन्म दिया है, जो देश के आर्थिक तंत्र को असंतुलित कर रहा है। इस तंत्र के कारण, कुछ लोग अत्यधिक संपत्ति और संसाधनों का नियंत्रण कर रहे हैं, जबकि बड़ी संख्या में लोग गरीबी और असमानता का सामना कर रहे हैं।
भागवत का यह मानना था कि यदि इस समस्या का समाधान जल्द नहीं किया गया, तो यह देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को और भी विकट बना सकता है। उन्होंने देश की सरकार और नीति निर्माताओं से इस दिशा में कदम उठाने की अपील की।
ये खबरें भी पढ़ें...
राजस्थान में पति-पत्नी छाप रहे थे नकली नोट, चंडीगढ़ और झालावाड़ पुलिस ने ऐसे दबोचा
पहलगाम हमले पर प्रतिक्रिया
विजयादशमी के अवसर पर RSS प्रमुख मोहन भागवत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने धर्म पूछकर 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी थी, लेकिन हमारी सेना और सरकार के नेतृत्व ने इस हमले का मुँह तोड़ जवाब दिया।
भागवत ने यह कहा कि इस हमले से यह स्पष्ट हो गया कि हम किसे अपना मित्र मानते हैं और कौन हमारे समर्थन में खड़ा है। उन्होंने इस घटना के बाद अपनी सुरक्षा पर अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के उपाय किए जा सकें।
ये खबर भी पढ़ें...
दिवाली से पहले किसानों को मोदी सरकार का बड़ा तोहफा, बढ़ाया गेहूं का MSP रेट, सीएम मोहन ये बोले
RSS के 100 साल हुए पूरे
RSS ने इस वर्ष अपने 100 साल पूरे किए। आरएसएस शताब्दी वर्ष के इस अवसर पर नागपुर में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 20,000 से अधिक स्वयंसेवकों ने भाग लिया। इसके अलावा, कई प्रमुख नेता जैसे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी उपस्थित थे।
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने इस अवसर पर संगठन के इतिहास और इसके योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि संघ का उद्देश्य समाज में एकता और समृद्धि लाना है और इसके 100 सालों के सफर में इसने समाज के विभिन्न वर्गों को जोड़ने का कार्य किया है।