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भारतीय रुपया (Indian Rupee) सोमवार को अमेरिकी डॉलर (US Dollar) के मुकाबले 87 रुपए के पार चला गया। यह पहली बार है जब रुपया इस स्तर तक गिरा है। रुपए की इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा कनाडा (Canada), मैक्सिको (Mexico) और चीन (China) पर टैरिफ (Tariffs) बढ़ाना है। इस फैसले से एशियाई मुद्राओं (Asian Currencies) और शेयर बाजारों (Stock Markets) में भी गिरावट देखी गई।
अब तक 4 फीसदी हुआ कमजोर
रुपया 87.1450 प्रति डॉलर के नए निचले स्तर पर पहुंचा, जो पिछले बंद से 0.6% की गिरावट दर्शाता है। अक्टूबर की शुरुआत से अब तक रुपया लगभग 4% कमजोर हो चुका है। विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी टैरिफ (US Tariffs) के कारण रुपए पर दबाव बना रहेगा।
व्यापार युद्ध की आशंका
ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने के फैसले से व्यापार युद्ध (Trade War) की आशंका बढ़ गई है। कनाडा और मैक्सिको ने भी जवाबी कदम उठाने की घोषणा की है। मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) के अनुसार, "हमारी सबसे बुरी आशंकाओं के सच होने का जोखिम बढ़ गया है।" एशियाई देशों की उच्च व्यापार निर्भरता के कारण वे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।
रुपए की इस गिरावट का असर भारतीय आईटी कंपनियों (Indian IT Companies) पर भी पड़ सकता है, क्योंकि उन्हें अपने राजस्व का बड़ा हिस्सा डॉलर में मिलता है। रुपए की कमजोरी से इन कंपनियों को लाभ हो सकता है।
रुपए की गिरावट के साथ ही भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) में भी कमजोरी देखी गई। सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) दोनों में गिरावट दर्ज की गई। विशेषज्ञों का मानना है कि विदेशी निवेशक (Foreign Investors) भारतीय बाजार से धन निकाल सकते हैं, जिससे बाजार पर और दबाव बढ़ सकता है।
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