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कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने सरकार की जातिगत जनगणना पर नीयत पर सवाल उठाए हैं। पायलट ने दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जनगणना की अधिसूचना में जातिगत जनगणना का कोई जिक्र नहीं किया गया है।
पायलट ने यह भी कहा कि सरकार ने जो बजट आवंटित किया है, वह पर्याप्त नहीं है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार केवल जातिगत जनगणना को टालने के बहाने बना रही है और इसके लिए तेलंगाना मॉडल को अपनाने की सलाह दी है।
जातिगत जनगणना पर सचिन पायलट का बयान
सचिन पायलट ने केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन पर सवाल उठाए हैं। उनके मुताबिक, जनगणना की अधिसूचना में जातिगत जनगणना का कोई उल्लेख नहीं है। पायलट का कहना है कि यह सरकार की नीयत में खोट को दर्शाता है। वह मानते हैं कि सरकार जानबूझकर जातिगत जनगणना को टालने के प्रयास कर रही है। इसके लिए उन्होंने 570 करोड़ रुपये का बजट बेहद कम बताया।
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जातिगत जनगणना का उद्देश्य
पायलट ने कहा कि जातिगत जनगणना का उद्देश्य केवल जातियों का आंकलन नहीं है, बल्कि यह जानने की कोशिश है कि देश में विभिन्न जातियों के लोग किस तरह के हालात में रह रहे हैं। इसके जरिए यह जानकारी प्राप्त की जा सकती है कि सरकार की योजनाओं का किस जाति के लोग कितना लाभ उठा रहे हैं।
जनगणना की अधिसूचना में बातें गायब
सचिन पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2027 के लिए जनगणना का नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें जातिगत जनगणना की कोई बात नहीं है। वह यह मानते हैं कि केंद्र सरकार ने जनगणना के लिए जो बजट रखा है, वह बहुत ही कम है। जनगणना के लिए 8 से 10 हजार करोड़ रुपए का बजट होना चाहिए था, लेकिन सरकार ने केवल 570 करोड़ रुपए ही आवंटित किए हैं। इससे यह साफ है कि सरकार जातिगत जनगणना में कोई रुचि नहीं रखती है।
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जातिगत जनगणना पर बीजेपी का विरोध
पायलट ने कहा कि भाजपा सरकार ने पहले जातिगत जनगणना की मांग को नकारा था और इसे अर्बन नक्सलवाद से जोड़ दिया था। हालांकि, अब जब देश में जागरूकता बढ़ी और यह मुद्दा जोर पकड़ने लगा, तब भाजपा को यह मांग माननी पड़ी। पायलट ने यह आरोप लगाया कि सरकार ने केवल दबाव के कारण जातिगत जनगणना को स्वीकार किया है।
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तेलंगाना मॉडल को अपनाने की सलाह
पायलट ने यह भी कहा कि सरकार को जातिगत जनगणना में तेलंगाना मॉडल अपनाना चाहिए। तेलंगाना सरकार ने जातिगत जनगणना में विशेषज्ञों, एनजीओ और सामाजिक वैज्ञानिकों की मदद ली थी। पायलट का कहना है कि सरकार को जातिगत जनगणना की राजनीति से बाहर आकर इसे प्रभावी तरीके से करवाना चाहिए।
महिला आरक्षण और सरकार के प्रयासों पर सवाल
पायलट ने महिला आरक्षण विधेयक का भी जिक्र किया और आरोप लगाया कि सरकार ने इसे लंबी अवधि के लिए टाल दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल लोगों का ध्यान भटकाना है। वह चाहते हैं कि सरकार महिला आरक्षण और जातिगत जनगणना जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ठोस कदम उठाए।
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राजनीतिक दृष्टिकोण और सरकार की जिम्मेदारी
सचिन पायलट का यह भी कहना था कि जनगणना और महिला आरक्षण जैसे मुद्दों पर राजनीति से ऊपर उठकर काम करना चाहिए। उनका आरोप है कि सरकार केवल ध्यान भटकाने के लिए विभिन्न मुद्दों को लंबा खींच रही है। वह चाहते हैं कि सरकार इन मुद्दों पर तुरंत कार्रवाई करे और उचित बजट आवंटित करे।
इससे पहले बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाए थे आरोप
बीजेपी ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमेशा की तरह कांग्रेस को कई महत्वपूर्ण मुद्दे नजर नहीं आते। पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक का वीडियो, CAA और सामाजिक आर्थिक जनगणना जैसे मुद्दों पर कांग्रेस की चुप्पी पर सवाल उठाए गए। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस को बिहार में जातीय जनगणना का सर्वे भी नजर नहीं आता, जबकि बीजेपी ने इस सर्वे को अपनी सरकार में करवाया था। बीजेपी ने यह भी कहा कि कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य परिवार का उत्थान है, जबकि उनकी पार्टी का लक्ष्य सभी जातियों का उत्थान करना है।
कांग्रेस के खटाखट मॉडल साधा था निशाना
बीजेपी ने कांग्रेस के खटा खट मॉडल पर निशाना साधते हुए कहा कि हिमाचल, कर्नाटक और अब तेलंगाना में आर्थिक स्थिति खराब हो रही है। बीजेपी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में नए ओबीसी जातियों में मुस्लिम समाज के लोगों को शामिल किया जा रहा है, और आरक्षण के नाम पर वोट बैंक की राजनीति की जा रही है। इसके साथ ही बीजेपी ने यह भी स्पष्ट किया कि जातीय जनगणना दो चरणों में होगी। उन्होंने अखिलेश यादव और लालू प्रसाद यादव पर भी तंज कसा, और कहा कि लालू यादव को बाबा साहेब आंबेडकर के चित्र को पैर के सामने रखने के लिए माफी मांगनी चाहिए।
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