सैम पित्रोदा का बयान 'चीन भारत का दुश्मन नहीं'... कांग्रेस ने किया किनारा, भाजपा ने बोला हमला

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष और राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा ने अपने बयान में कहा कि चीन भारत का दुश्मन नहीं है और हमें उसके साथ मिलकर काम करना चाहिए। कांग्रेस ने उनके बयान से किनारा कर लिया है, वहीं बीजेपी हमलावर हो गई है...

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Jitendra Shrivastava
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sam-pitroda-china-statement Photograph: (thesootr)

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सैम पित्रोदा एक बार फिर अपने विवादित बयान के कारण सुर्खियों में हैं। उन्होंने कहा कि भारत को चीन को दुश्मन मानना बंद कर देना चाहिए और उसके साथ सहयोग बढ़ाना चाहिए। कांग्रेस ने उनके इस बयान से खुद को अलग कर लिया, जबकि भाजपा ने इसे लेकर कांग्रेस की विदेश नीति पर सवाल उठाए हैं। इससे पहले भी पित्रोदा कई विवादास्पद बयान दे चुके हैं, जिनकी वजह से उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। आइए जानते हैं इस विवाद की पूरी कहानी।  

सैम का चीन पर बयान, कांग्रेस ने झाड़ा पल्ला 

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में कहा कि भारत को चीन को दुश्मन मानना बंद कर देना चाहिए। उनका कहना है कि चीन को खतरे के रूप में देखना गलत मानसिकता है और हमें चीन के साथ सम्मानजनक तरीके से काम करना चाहिए।  

पित्रोदा ने कहा कि हमारा रवैया हमेशा से टकराव वाला रहा है, जिससे सिर्फ दुश्मनी बढ़ती है। हमें अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाने की जरूरत है। हालांकि, कांग्रेस ने इस बयान से दूरी बना ली। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सैम पित्रोदा के विचार पार्टी के विचारों से मेल नहीं खाते।  

बीजेपी ने साधा कांग्रेस पर निशाना

सैम पित्रोदा के इस बयान के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर हमला बोल दिया। बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पित्रोदा ने कांग्रेस के चीन के साथ गुप्त समझौतों की पोल खोल दी है। उनका बयान भारत की अस्मिता और संप्रभुता के खिलाफ है।  
त्रिवेदी ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी ने भी कई बार चीन की तारीफ की है। गलवान में हमारे 20 जवान शहीद हुए थे, फिर भी कांग्रेस के नेता चीन को दुश्मन नहीं मानते।

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पहले भी घिर चुके हैं पित्रोदा

यह पहली बार नहीं है जब सैम पित्रोदा अपने बयानों के कारण विवादों में आए हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान उन्होंने कहा था कि भारत के पूर्वी हिस्से के लोग चीनी दिखते हैं और दक्षिण भारत के लोग अफ्रीकी दिखते हैं। उनके इस बयान पर भाजपा ने कड़ा विरोध जताया था और इसे भारत की विविधता का अपमान बताया था। 8 मई 2024 को कांग्रेस ने उन्हें इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया था। हालांकि, 26 जून को उन्हें फिर से उसी पद पर नियुक्त कर दिया गया।  

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सैम पित्रोदा के 5 सबसे विवादित बयान...

राहुल गांधी के करीबी और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा कई बार अपने बयानों के कारण विवादों में रहे हैं। उनके कुछ बयान इतने विवादित रहे हैं कि कांग्रेस को भी उनसे दूरी बनानी पड़ी। आइए जानते हैं सैम पित्रोदा के 5 बड़े विवादित बयान...  

1. विरासत टैक्स पर बयान  

23 अप्रैल 2024 को सैम पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में किसी व्यक्ति के मरने के बाद उसकी संपत्ति का 55% हिस्सा सरकार ले लेती है, जबकि उसके बच्चों को केवल 45% हिस्सा मिलता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह एक नीतिगत मुद्दा है और कांग्रेस ऐसी नीति बनाएगी, जिससे देश में धन का बेहतर वितरण हो सके। उनके इस बयान को भारतीय आर्थिक ढांचे पर सवाल उठाने और संपत्ति के बंटवारे से जोड़कर देखा गया।  

2. 1984 के सिख विरोधी दंगों पर बयान  

2019 लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर कांग्रेस पर सवाल उठाए थे। इस पर 10 मई 2019 को पित्रोदा ने कहा कि अगर 1984 में दंगे हुए, तो क्या? यह तो 5 साल पहले हुआ था, आप लोग अब तक इस मुद्दे को क्यों उठा रहे हैं?" उनके इस बयान से सिख समुदाय में नाराजगी बढ़ गई और कांग्रेस को इस बयान से किनारा करना पड़ा।  

3. मिडिल क्लास के टैक्स पर टिप्पणी  

6 अप्रैल 2019 को सैम पित्रोदा ने मिडिल क्लास (मध्यम वर्ग) को ज्यादा टैक्स देने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग को स्वार्थी नहीं बनना चाहिए और उन्हें ज्यादा टैक्स देने के लिए कमर कस लेनी चाहिए। उनके इस बयान की आलोचना इसलिए हुई क्योंकि भारत में पहले से ही मध्यम वर्ग पर टैक्स का बोझ ज्यादा माना जाता है।  

4. बालाकोट एयर स्ट्राइक पर सवाल  

14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी। 22 मार्च 2019 को इस पर सवाल उठाते हुए सैम पित्रोदा ने कहा कि यदि एयर स्ट्राइक में हमले हो रहे थे, तो कुछ आतंकियों को मारना ही था। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पाकिस्तान को दोषी ठहरा दिया जाए। उनके इस बयान पर देशभर में गुस्सा फूट पड़ा और लोगों ने इसे राष्ट्र विरोधी करार दिया।  

5. मंदिर से रोजगार नहीं मिलेगा  

6 जून 2018 को सैम पित्रोदा ने कहा कि भारत में बेरोजगारी, महंगाई और गरीबी जैसी समस्याओं का हल मंदिरों के निर्माण से नहीं होगा। उन्होंने कहा हमने हनुमान मंदिर बहुत बना लिए हैं, लेकिन इससे आपको रोजगार नहीं मिलेगा। उनके इस बयान से धार्मिक संगठनों और हिंदू समुदाय में नाराजगी फैल गई।  

कमांड और कंट्रोल की मानसिकता से बाहर निकलना होगा: पित्रोदा  

सैम पित्रोदा का कहना है कि हमें पुरानी मानसिकता से बाहर निकलना होगा और चीन को एक नए दृष्टिकोण से देखना होगा। हमें वैश्विक सहयोग पर ध्यान देना चाहिए, बजाय इसके कि हम सिर्फ टकराव की राजनीति करें।  
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका अक्सर अपने दुश्मन खुद तय करता है इससे वैश्विक स्तर पर अस्थिरता बढ़ती है। उन्होंने भारत को सलाह दी कि वह अपनी स्वतंत्र विदेश नीति बनाए और अपने पड़ोसियों के साथ बेहतर संबंध स्थापित करे।  

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