हज यात्रा से पहले सऊदी अरब ने भारत समेत 14 देशों के वीजा पर लगाई पाबंदी

सऊदी अरब ने भारत और 13 अन्य देशों के वीजा पर अस्थायी रोक लगाई, हज यात्रा के दौरान नियमों का उल्लंघन करने पर 5 साल का एंट्री बैन लागू किया। यह निर्णय हज यात्रा को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने के उद्देश्य से लिया गया है।

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Jitendra Shrivastava
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saudi-arab-visa-ban Photograph: (thesootr)

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इस साल हज यात्रा 4 जून से 9 जून तक होने वाली है, और इसके लिए सऊदी अरब ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सऊदी अरब ने भारत, पाकिस्तान और अन्य 12 देशों के नागरिकों के लिए वीजा पर अस्थायी रोक लगा दी है। यह निर्णय हज यात्रा को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने के उद्देश्य से लिया गया है। इसके पीछे सऊदी अधिकारियों का तर्क है कि बड़ी संख्या में यात्री बिना रजिस्ट्रेशन के हज यात्रा में शामिल होते हैं, जिससे भीड़ बढ़ती है और सुरक्षा की समस्याएं उत्पन्न होती हैं। 

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सऊदी अरब के बैन के पीछे तीन प्रमुख कारण...

1. गैर-कानूनी हज यात्रा 

रिपोर्ट्स के अनुसार, कई विदेशी नागरिक उमरा या विजिट वीजा पर सऊदी अरब पहुंचते हैं और वीजा समाप्त होने के बाद भी वहां अवैध रूप से रहते हैं। इसके बाद, वे बिना रजिस्ट्रेशन के हज यात्रा में भाग लेते हैं। इससे न केवल सुरक्षा का खतरा बढ़ता है, बल्कि गर्मी के मौसम में बढ़ी हुई भीड़ की वजह से कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है। 

2. गैर-कानूनी कामकाज 

सऊदी अधिकारियों ने बताया कि कुछ विदेशी नागरिक व्यापार या पारिवारिक वीजा का गलत इस्तेमाल कर सऊदी अरब में अवैध रूप से काम कर रहे थे। इससे न केवल सऊदी के मजदूरी बाजार में असंतुलन पैदा हो रहा था, बल्कि वीजा नियमों का उल्लंघन भी हो रहा था।

3. भीड़ के कारण हज यात्रा में मौतें 

पिछले साल 2024 में, हज यात्रा के दौरान अत्यधिक भीड़ के कारण 1,200 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी। इनमें से 98 भारतीय नागरिक भी थे। यह हादसा गर्मी और बढ़ती भीड़ के कारण हुआ था, जिसे ध्यान में रखते हुए सऊदी अरब ने यह कदम उठाया है।

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सऊदी अरब का हज कोटा और भारत का हिस्सा

सऊदी अरब ने हज यात्रा के लिए एक कोटा प्रणाली लागू की है, जिसके तहत हर देश के निर्धारित संख्या में श्रद्धालुओं को हज यात्रा करने की अनुमति दी जाती है। इस प्रणाली के अनुसार, भारत का हज कोटा 1.75 लाख श्रद्धालुओं का है। इसमें 70% हिस्सा केंद्रीय हज कमेटी के पास है और 30% प्राइवेट टूर एजेंट्स को दिया गया है। 
भारत के लिए 2025 के हज यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 13 अगस्त से 9 सितंबर 2024 तक किया जाएगा। इस रजिस्ट्रेशन से ही हज यात्रा के लिए चयनित श्रद्धालु अपनी यात्रा की योजना बना सकेंगे।

सऊदी अरब का वीजा रोकने का निर्णय और भविष्य

सऊदी अरब का यह निर्णय हज यात्रा के दौरान सुरक्षा और व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए लिया गया है। सऊदी अधिकारियों का कहना है कि इस फैसले का किसी भी राजनीतिक विवाद से कोई संबंध नहीं है। यह कदम केवल हज यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से आयोजित करने के लिए है।
सऊदी अरब के अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि बिना रजिस्ट्रेशन वाले हज यात्रियों को मक्का से हटा दिया जाएगा। हर साल हज यात्रा के लिए हजारों लोग बिना वीजा के मक्का पहुंचते हैं, जोकि नियमों का उल्लंघन करते हैं। 

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सऊदी अरब का जलवायु परिवर्तन पर बयान

सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान जलवायु परिवर्तन का प्रभाव भी बढ़ता जा रहा है। हर 10 साल में औसत तापमान में 0.4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो रही है। इसके कारण, यात्रियों के लिए स्थिति और भी कठिन हो जाती है। 2023 में हज यात्रा पर गए 240 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी, जिनमें से अधिकांश इंडोनेशिया के थे।

क्या है हज यात्रा का धार्मिक महत्व?

हज यात्रा इस्लाम धर्म के पांच फर्जों में से एक है। हर मुस्लिम व्यक्ति के लिए यह अनिवार्य है कि वह अपनी जीवन में कम से कम एक बार हज यात्रा पर जाए। हज यात्रा इस्लामिक इतिहास में पैगंबर मोहम्मद की 628 में की गई तीर्थयात्रा से जुड़ी हुई है, जो इस्लामिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। 

 

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