सरकारी बैंकों ने दी बड़ी राहत: अब खातों में मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं, खत्म हुआ जुर्माना
देश के बैंक खाता धारक करोड़ों ग्राहकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब बचत खाता नियम 2025 के तहत खाते में (Savings Accounts) में न्यूनतम बैलेंस (Minimum Balance) रखने की बाध्यता को हटा दिया गया है।
देश के बैंक खाता धारक करोड़ों ग्राहकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब बचत खाता नियम 2025 के तहत खाते में (Savings Accounts) में न्यूनतम बैलेंस (Minimum Balance) रखने की बाध्यता को हटा दिया गया है।
अब SBI मिनिमम बैलेंस नियम के तहत जुर्माना नहीं लेगा। PNB में सेविंग अकाउंट न्यू रूल लागू हो गया है। अब बैंक मिनिमम बैलेंस पर जुर्माना नहीं लेगा।
केनरा बैंक और बंधन बैंक ने भी यह बड़ा फैसला लिया है। अब अपने खाते में न्यूनतम बैलेंस भी न होने पर अब बैंक ग्राहकों से जुर्माना नहीं वसूलेगा।
पंजाब बैंक ने 1 जुलाई किया लागू
PNB ने अपने आधिकारिक बयान में बताया कि 1 जुलाई 2025 से बचत खातों में औसत मासिक बैलेंस (AMB) नहीं होने पर अब ग्राहकों से कोई जुर्माना नहीं लिया जाएगा। बैंक ने यह कदम कम आय वाले ग्राहकों और महिलाओं व किसानों को राहत व सुविधा देने के उद्देश्य से उठाया है। जबकि 7 जुलाई से बंधन बैंक सुविधा देगी। बैंक का इसके पीछे उद्देश्य है, ग्राहकों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ न बढ़े और उनको बैंक से सुविधाएं मिले।
सरकारी बैंक SBI ने वर्ष 2020 में ही बचत खाता धारकों को यह सुविधा दे दी थी। ग्राहकों के लिए अपने खातों में मिनिमम बैलेंस की बाध्यता को खत्म कर दिया था। देश की सबसे बड़ी बैंक एसबीआई में अब ग्राहक बिना किसी बैलेंस की चिंता किए बैंकिंग सेवाओं का लाभ ले रहे हैं।
केनरा बैंक ने मई 2025 में ही सभी प्रकार के बचत खातों जैसे रेगुलर, सैलरी और MRI सेविंग खातों से न्यूनतम बैलेंस की शर्त हटा दी। इस कदम से लाखों ग्राहकों को सुविधा और राहत मिली है।
औसत मासिक बैलेंस (AMB) वह राशि होती है, जिसे ग्राहक को एक महीने के दौरान अपने खाते में औसतन बनाए रखना होता है। यदि यह राशि तय सीमा से कम हो जाती है, तो अब तक बैंकों द्वारा जुर्माना लगाया जाता था। अब चार प्रमुख बैंकों ने इस नियम को हटाकर ग्राहकों को बड़ी राहत दी है।