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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि न्यायपालिका में पारदर्शिता (Transparency) और जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए 21 जजों की संपत्ति का ब्योरा (Judges Assets) वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। वेबसाइट के "Assets of Judges" सेक्शन में 33 जजों की सूची है, पर फिलहाल 21 की जानकारी सार्वजनिक की गई है। बाकी जजों ने संपत्ति का ब्योरा सुप्रीम कोर्ट को सौंपा है, जिसे जल्द अपलोड किया जाएगा।
यशवंत वर्मा केस बना ट्रिगर
यह फैसला उस वक्त आया जब दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma) के सरकारी बंगले में आग लगने के बाद अधजले नोट मिले थे। 14 मार्च को तुगलक क्रेसेंट स्थित उनके सरकारी आवास में आग लगी, और दमकल कर्मियों को जले हुए नकदी के ढेर मिले।
23 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट ने उनसे कार्यभार वापस ले लिया और 24 मार्च को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनका ट्रांसफर इलाहाबाद हाईकोर्ट कर दिया। इलाहाबाद में 5 अप्रैल को उन्होंने शपथ ली, पर निर्देश दिया गया कि उन्हें कोई न्यायिक कार्य न सौंपा जाए।
1997 से अब तक पारदर्शिता की मांग
- 1997: CJI जेएस वर्मा ने प्रस्ताव पारित किया कि जज संपत्ति का ब्योरा CJI को दें, पर सार्वजनिक न हो।
- 2009: “जज संपत्ति विधेयक” संसद में लाया गया, लेकिन उसमें सार्वजनिक घोषणाओं की बाध्यता नहीं थी, इसलिए स्थगित हुआ।
- 2009 RTI दबाव: कुछ जजों ने व्यक्तिगत रूप से अपनी संपत्ति सार्वजनिक की।
- 1 अप्रैल 2025 को निर्णय लिया कि SC के जजों की संपत्ति का ब्योरा वेबसाइट पर अपलोड करके सार्वजनिक किया जाएगा।
इन जजों की संपत्ति घोषित
संपत्ति की जानकारी में जिन जजों के नाम सार्वजनिक हुए हैं, उनमें शामिल हैं, CJI संजीव खन्ना, जस्टिस गवई, सूर्यकांत, ओका, विक्रम नाथ, नागरत्ना, सुंदरेश, बेला त्रिवेदी, नरसिम्हा, धूलिया, पारदीवाला, दीपांकर दत्ता, पंकज मिथल, संजय करोल, संजय कुमार, अमानुल्लाह, मनोज मिश्रा, राजेश बिंदल, अरविंद कुमार, प्रशांत मिश्रा और केवी विश्वनाथन।
इन सभी जजों की संपत्ति का ब्यौरा सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं। देखने के लिए यहां क्लिक करें
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CJI के पास इतनी संपत्ति
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के पास SC की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, 55 लाख की FD, 1 करोड़ का PPF, लगभग 1.78 करोड़ का GPF, LIC की मनी बैक पॉलिसी, 14 हजार के शेयर और अन्य छोटी बचत योजनाएं हैं। अचल संपत्ति में दक्षिण दिल्ली में तीन DDA फ्लैट, एक चार बेडरूम फ्लैट (2446 वर्ग फीट) और गुरुग्राम के सिसपाल विहार में बेटी के साथ मिलकर लिया गया एक चार बेडरूम फ्लैट (2016 वर्ग फीट) शामिल है।
न्यायाधीश बीआर गवई की संपत्ति
विवरण के अनुसार, उनके पास बैंक खातों में 19.63 लाख रुपये और पीपीएफ में 6.59 लाख रुपये हैं। उन्हें महाराष्ट्र के अमरावती में एक घर और अमरावती व नागपुर में कृषि भूमि विरासत में मिली है। इसके अलावा उनके पास मुंबई और दिल्ली में फ्लैट हैं। उन्होंने 1.3 करोड़ रुपये की देनदारी भी घोषित की है।
न्यायमूर्ति एएस ओका
24 मई को सेवानिवृत्त हो रहे न्यायमूर्ति एएस ओका के पास पीपीएफ में 92.35 लाख रुपये और एफडी में 21.76 लाख रुपये हैं। उनके पास 2022 मॉडल की मारुति बलेनो कार है और 5.1 लाख रुपये का कार लोन भी उन्होंने घोषित किया है।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने अपनी संपत्ति में नोएडा में 2-बीएचके फ्लैट, इलाहाबाद में एक बंगला और उत्तर प्रदेश में विरासत में मिली कृषि भूमि का उल्लेख किया है। उनके निवेश की कुल राशि 1.5 करोड़ रुपये बताई गई है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत
न्यायमूर्ति सूर्यकांत के पास चंडीगढ़, गुरुग्राम और दिल्ली में अपनी पत्नी के साथ साझा स्वामित्व में आवासीय संपत्तियाँ हैं। उन्होंने 6.03 करोड़ रुपये मूल्य की 31 एफडी रसीदों का विवरण अपनी संपत्ति में दिया है।
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की संपत्तियों में अहमदाबाद के गुलबाई टेकरा में एक घर और एक निर्माणाधीन मकान शामिल है। उनके पास म्यूचुअल फंड में 60 लाख रुपये, पीपीएफ में 20 लाख रुपये, 50 लाख रुपये के आभूषण और 2015 की मारुति स्विफ्ट कार है।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया ने 2008 मॉडल की मारुति जेन एस्टिलो कार की जानकारी दी है जो वर्तमान में उपयोग में नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके पास मौजूद सभी अचल संपत्तियाँ उनके न्यायाधीश बनने से पहले की हैं और इनमें कोई वृद्धि नहीं हुई है।
न्यायमूर्ति संजय कुमार
न्यायमूर्ति संजय कुमार ने एक विस्तृत स्टॉक पोर्टफोलियो घोषित किया है, जिसमें रिलायंस, टाटा, इंफोसिस, एचसीएल, आईटीसी, एसबीआई, वेदांता, जियो फाइनेंस, एनएमडीसी जैसी बड़ी कंपनियों के शेयर शामिल हैं।
न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन
न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन, जो मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने, ने कुल 120.96 करोड़ रुपये के निवेश की जानकारी दी है। वे पहले एक सफल वकील रहे हैं और 2010-11 से 2024-25 तक 91.47 करोड़ रुपये का आयकर चुका चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट की नियुक्ति प्रक्रिया भी सार्वजनिक
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट और सर्वोच्च न्यायालय की नियुक्ति प्रक्रिया (Judicial Appointments) का पूरा विवरण वेबसाइट पर अपलोड किया है।
9 नवंबर 2022 से 5 मई 2025 तक की हाईकोर्ट नियुक्तियों से जुड़े कॉलेजियम प्रस्ताव भी डाले गए हैं, जिनमें नाम, कोर्ट, सोर्स (बार/सेवा), सिफारिश, नोटिफिकेशन और नियुक्ति तिथि के साथ सामाजिक श्रेणियां (SC/ST/OBC/महिला/अल्पसंख्यक) भी दर्शाई गई हैं।
इस अवधि में 303 नामों पर विचार हुआ, जिनमें से 170 की सिफारिश हुई। इनमें 28 महिलाएं, 23 अल्पसंख्यक, 7 SC, 5 ST, 21 OBC और 7 अत्यंत पिछड़ा वर्ग से हैं। खास बात यह है कि 12 नाम ऐसे थे, जो किसी वर्तमान या पूर्व न्यायाधीश के रिश्तेदार थे, जिनमें से 11 की नियुक्ति हो चुकी है।
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