शारदीय नवरात्रि 2024 का पावन पर्व 3 अक्टूबर से शुरू हो रहा है और 12 अक्टूबर तक चलेगा। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का विधान है। इस दौरान भक्त विधिवत पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। बता दें कि व्रत रखने से शरीर के मेटाबॉलिज्म (metabolism) में सुधार होता है और पाचन (digestion) को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। लेकिन गलत खाने-पीने की आदतों के कारण कमजोरी (weakness) या वजन बढ़ने (weight gain) की समस्या हो सकती है। सही फिटनेस टिप्स (fitness tips) का पालन कर आप नवरात्रि व्रत में खुद को स्वस्थ और फिट रख सकते हैं।
व्रत में फिटनेस का कैसे रखें ध्यान
समय पर खोलें उपवास : व्रत का खाना सात्विक (sattvic) होता है, लेकिन इसे अक्सर घी (ghee) में बनाया जाता है। अगर व्रत के बाद सही समय पर भोजन नहीं किया जाए, तो यह पाचन में समस्या पैदा कर सकता है। इसलिए उपवास खोलने का समय महत्वपूर्ण है।
नारियल पानी पीना बेस्ट है : नारियल पानी (coconut water) में पोषक तत्व होते हैं जो कमजोरी दूर करने में मदद करते हैं। अगर आप पूरे दिन उपवास कर रहे हैं, तो सुबह पूजा के बाद नारियल पानी पिएं। यह दिनभर आपकी ऊर्जा को बनाए रखेगा।
हल्का भोजन करें : फलाहारी (fruit-based diet) का मतलब केवल कुट्टू के आटे (buckwheat flour) से बनी चीजें नहीं होतीं। आप साबूदाना (sago), समा चावल (barnyard millet), और राजगीरा (amaranth) जैसे हल्के और पौष्टिक विकल्पों का सेवन कर सकते हैं।
फ्राइड खाने से बचें : फ्राइड (fried) भोजन व्रत में एसिडिटी (acidity) और सीने में जलन (heartburn) जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है, क्योंकि लंबे समय तक खाली पेट रहने के बाद फ्राइड खाना पचाना मुश्किल होता है। इसलिए फ्राइड चीजों को अवॉइड करें।
चाय-कॉफी से बचें : व्रत के दौरान चाय (tea) और कॉफी (coffee) का ज्यादा सेवन गैस (gas) और डिहाइड्रेशन (dehydration) की समस्या पैदा कर सकता है। लंबे समय तक खाली पेट रहने के बाद चाय-कॉफी पीने से बचें।
वजन नहीं बढ़ेगा अगर दिनभर संतुलित खाएं : दिनभर भूखे रहने और रात में भारी भोजन करने से वजन बढ़ सकता है। अगर आप वजन बढ़ने से बचना चाहते हैं, तो दिनभर संतुलित आहार लें और फ्राइड चीजों से बचें।
फलों का सेवन करें : व्रत में एनर्जी (energy) बनाए रखने के लिए मौसमी फल (seasonal fruits) सबसे अच्छे होते हैं। दिनभर में समय-समय पर इन्हें खाने से भूख भी कम लगेगी और शरीर को आवश्यक पोषण मिलेगा।
सूखे मेवे खाएं : फिटनेस बनाए रखने के लिए सूखे मेवे (dry fruits) का सेवन करें। हालांकि, इन्हें भिगोकर खाना बेहतर होता है क्योंकि सूखे मेवे गर्म तासीर के होते हैं।
गर्भावस्था में नवरात्रि व्रत
यदि आप गर्भवती हैं और नवरात्रि व्रत (Navratri fast) कर रही हैं, तो आपको अपनी और अपने बच्चे की सेहत के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए।
डिहाइड्रेशन का ध्यान रखें : गर्भावस्था के दौरान शरीर को पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है। उपवास के समय डिहाइड्रेशन (dehydration) का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। नारियल पानी (coconut water), छाछ (buttermilk), और ताजे फलों के रस (fresh fruit juices) आपको हाइड्रेटेड रखने में मदद करेंगे।
पौष्टिक भोजन का सेवन करें : व्रत के दौरान कई बार छोटे-छोटे अंतराल में पौष्टिक भोजन करें। फल (fruits), नट्स (nuts), और दूध से बने खाद्य पदार्थ (dairy products) उपवास में उपयोगी हो सकते हैं। इसके अलावा, साबूदाना (sago), आलू (potatoes), और कुट्टू के आटे (buckwheat flour) जैसे खाद्य पदार्थ ऊर्जा देने के लिए अच्छे विकल्प होते हैं।
थकान महसूस होने पर आराम करें : गर्भावस्था में शरीर पर अतिरिक्त भार होता है और उपवास के दौरान थकान महसूस हो सकती है। अगर कमजोरी या थकान महसूस हो तो तुरंत आराम करें। लंबे समय तक खड़े रहने या शारीरिक मेहनत करने से बचें।
व्रत तोड़ते समय ध्यान रखें : व्रत समाप्त होने पर तुरंत भारी भोजन करने से बचें। हल्का और पौष्टिक भोजन लें, ताकि आपका पाचन तंत्र (digestive system) बिना किसी समस्या के उसे पचा सके। फलों (fruits), सूप (soup), या दलिया (porridge) से व्रत तोड़ना सबसे अच्छा होता है, क्योंकि यह आसानी से पचने योग्य होते हैं और तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं।
सावधान: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीकों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें। इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट से सलाह लें।
नवरात्रि व्रत के दौरान क्या न करें:
नवरात्रि के दौरान कुछ ऐसे काम हैं जिन्हें करने की मनाही है। इन गलतियों से माता नाराज हो सकती हैं और पूजा का फल नहीं मिलता। ज्योतिषाचार्य ऋषिकांत मिश्र के अनुसार, नवरात्रि व्रत के दौरान कुछ कार्यों से बचना जरूरी है ताकि मां दुर्गा की कृपा प्राप्त हो सके।
मांसाहार और मदिरा का सेवन न करें : नवरात्रि के दिनों में मांस-मछली, मदिरा, लहसुन और प्याज (garlic and onion) जैसी तामसिक चीजों का सेवन वर्जित होता है। इस दौरान सात्विक (sattvic) भोजन करें।
झगड़े और अपमान से बचें : घर में किसी तरह का झगड़ा, कलह या द्वेष न रखें। शांति और प्रेम से पूजा करें। किसी का अपमान न करें, खासकर महिलाओं का, क्योंकि नारी सम्मान को देवी पूजन में विशेष महत्व दिया गया है।
काले वस्त्र और चमड़े का परिधान न पहनें : नवरात्रि के नौ दिनों में काले रंग के वस्त्र (black clothes) और चमड़े (leather) के उत्पादों का प्रयोग न करें। स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें और सूर्योदय के साथ स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
पशु-पक्षियों को परेशान न करें : मूक जीवों को परेशान न करें, बल्कि उनके लिए दाना-पानी की व्यवस्था करें। मां दुर्गा का वाहन (vehicle) भी एक पशु है, इसलिए जीवों के प्रति दया भाव रखें।
कलश स्थापना की अनदेखी न करें : अगर आपने घर में कलश (Kalash) स्थापित किया है, तो दिन में दोनों समय पूजा और आरती करना न भूलें। देवी को नैवेद्य (offering) चढ़ाएं और उन्हें सम्मानपूर्वक आमंत्रित करें।
घर में ताला न लगाएं : नवरात्रि के दौरान पूरे नौ दिन घर में ताला न लगाएं। इससे मां की कृपा बनी रहती है। इस दौरान जमीन पर सोएं और बाल, दाढ़ी, या नाखून न कटवाएं।
साधना और पाठ करें : प्रातः स्नान-ध्यान करने के बाद परिवार और पड़ोसियों के साथ मिलकर कीर्तन, रामायण पाठ (Ramayan Path), या दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati) का पाठ करें।
पति-पत्नी के संबंधों से दूरी बनाएं : अगर आपने व्रत रखा है, तो इस दौरान पति-पत्नी को ब्रह्मचर्य (celibacy) का पालन करना चाहिए। पूजा और उपासना शुद्ध मन और पवित्रता से करें।
पूजा के दौरान अस्वच्छता न रखें : पूजा स्थल और घर को स्वच्छ रखें। गंदगी और अस्वच्छता से मां दुर्गा नाराज हो सकती हैं, जिससे पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता।
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