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सोमवार को शेयर मार्केट में गिरावट रुकने का नाम नहीं ले रही थी। मार्केट खुलते ही सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में भारी गिरावट आई। जहां सेंसेक्स 800 अंक तक गिर गया, वहीं निफ्टी ने भी 250 अंकों से ज्यादा का गोता लगाया। इस गिरावट के कारण भारतीय शेयर बाजार में करीब 9 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो गया। गिरावट के प्रमुख कारणों में कमजोर कॉर्पोरेट इनकम, अमेरिकी व्यापार नीति के प्रति अनिश्चितता और विदेशी निवेशकों की निकासी रही।
मार्केट की स्थिति और नुकसान
सोमवार को सेंसेक्स 490 अंकों की गिरावट के साथ 75,700.43 पर खुला। इसके बाद लगातार गिरावट जारी रही और 11 बजे तक यह 842 अंकों तक गिर चुका था। सेंसेक्स उस समय 75,409.32 पर कारोबार कर रहा था। वहीं निफ्टी की शुरुआत भी करीब 150 अंकों की गिरावट के साथ हुई। 11 बजे तक निफ्टी में 265 अंकों तक की गिरावट आई और वह 22,854 अंक पर पहुंच गया।
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कितना हुआ नुकसान?
इस गिरावट के कारण निवेशकों को 9 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ। बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 9.48 लाख करोड़ रुपए घटकर 410.03 लाख करोड़ रुपए रह गया।
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किन कंपनियों को हुआ ज्यादा नुकसान?
शेयर बाजार में गिरावट का सबसे ज्यादा असर जोमैटो, इंडसइंड बैंक, एमएंडएम, अडानी पोर्ट्स, इंफोसिस और टाटा स्टील जैसे शेयरों पर पड़ा। इन कंपनियों के शेयरों में 2% तक की गिरावट आई। वहीं दूसरी ओर, एचयूएल, आईसीआईसीआई बैंक और टीसीएस जैसे कुछ शेयरों में हल्की बढ़त देखी गई।
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गिरावट के कारण
शेयर बाजार में गिरावट की मुख्य वजह विदेशी निवेशकों की निकासी है। एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) ने इस महीने (24 जनवरी तक) भारतीय शेयरों में 64,156 करोड़ रुपए के शेयर बेचे हैं। इसके साथ ही भारतीय रुपया कमजोर होने के कारण विदेशी निवेशक अपनी पूंजी निकाल रहे हैं। इसके अलावा, दिसंबर तिमाही के कॉर्पोरेट परिणामों में भी कुछ खास सुधार नहीं देखने को मिला। अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में वृद्धि और अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से 25% टैरिफ लगाने की योजना के कारण भी बाजार में अनिश्चितता का माहौल है। यह टैरिफ 1 फरवरी से लागू हो सकते हैं, जिससे निवेशकों में और भी घबराहट है।
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