एयू स्माल फाइनेंस बैंक और Bajaj Alliance के अधिकारियों पर FIR दर्ज

एयू स्माल फाइनेंस बैंक और बजाज एलाइंज लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारियों पर लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने और फर्जी बीमा पालिसी तैयार करने का आरोप है, जिसके तहत कई महीनों तक बीमा राशि हड़पी गई।

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Sandeep Kumar
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एयू स्माल फाइनेंस बैंक और बजाज एलाइंज लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारियों पर फर्जी बीमा पालिसी बनाने और लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने का गंभीर आरोप लगा है। रतलाम के स्टेशन रोड थाना पुलिस ने इस मामले में आरोपित अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी, समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। मामला 2017 में एक व्यक्ति के नाम फर्जी बीमा पालिसी तैयार करने और उससे बीमा राशि हड़पने का है।

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मामले की शुरुआत और आरोप

शिवांश त्रिवेदी ने स्टेशन रोड थाने में लिखित शिकायत दर्ज करवाई कि उनकी मौसी, जो कि संतानहीन थीं, की देखभाल उनके माता-पिता ने की थी। 11 फरवरी 2017 को, एयू स्माल फाइनेंस बैंक की फ्रीगंज शाखा ने उनकी मौसी शांतिदेवी के नाम पर जनरेटर व्यवसाय के लिए 90.68 लाख रुपए का लोन स्वीकृत किया था। लोन के लिए बीमा पालिसी बजाज एलाइंज लाइफ इंश्योरेंस कंपनी द्वारा 16 जून 2022 को भेजी गई, लेकिन यह पालिसी असल में शिवांश त्रिवेदी के नाम थी।

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फर्जी बीमा पालिसी और हेरफेर

बीमा पालिसी की जो राशि भेजी गई, वह 10 फरवरी 2022 को समाप्त हो चुकी थी। इसके अलावा, पालिसी पर डिजिटल हस्ताक्षर भी 8 जून 2022 को किए गए थे। इस पालिसी से संबंधित राशि को बैंक द्वारा शांति देवी की फर्म के खाते में जमा कर दिया गया, जबकि वास्तविक रूप से यह राशि फर्जी तरीके से हड़पी गई थी।

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धोखाधड़ी और बैंक अधिकारियों की भूमिका

शिवांश त्रिवेदी ने बीमा और ऋण के संबंध में कई बार बैंक और बीमा कंपनी के अधिकारियों से संपर्क किया। अधिकारियों ने बीमा पालिसी के मुख्यालय से नहीं आने का बहाना बनाया और कहा कि जब तक पालिसी प्राप्त नहीं होती, तब तक वे लोन की किस्तें जमा करते रहें, ताकि लोन डिफॉल्ट न हो। इस दौरान शिवांश त्रिवेदी के पिता से 70 लाख रुपए से अधिक की राशि बैंक में जमा कराई गई।

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धोखाधड़ी का खुलासा

कई महीनों के बाद, जब शिवांश त्रिवेदी ने बीमा कंपनी से पालिसी और क्लेम सेटलमेंट की मांग की, तो उन्हें पता चला कि बीमा कंपनी ने कूटरचित बीमा पालिसी तैयार की थी। बैंक और बीमा कंपनी के अधिकारियों की मिलीभगत से ऋण सुरक्षा बीमा पालिसी में हेरफेर कर फर्जी पालिसी बनाई गई, जिससे लाखों रुपये की धोखाधड़ी की गई।

फरवरी 2017 में लिया 90 लाख 68 हजार का लोन

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से रिटायर मधुसूदन त्रिवेदी ने 'द सूत्र' को बताया कि उनकी मौसी शांति देवी पति मोहन लाल उपाध्याय ने अपनी फर्म शिवांश इंटरप्राइजेज के नाम से एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक की दो बत्ती रतलाम ब्रांच से 90 लाख 68 हजार रुपए का लोन लिया था। बैंक में 28 जनवरी 2017 को दिए गए लोन के आवेदन में मधुसूदन त्रिवेदी गारंटर और उनकी पत्नी अंजलि त्रिवेदी और बेटे शिवांश ने गवाह के रूप में साइन किए।  इलेक्ट्रिक जनरेटर का कारोबार करने वाली फर्म शिवांश इंटरप्राइजेज की स्थापना 1 सितंबर 2004 को हुई थी और शांति देवी उपाध्याय इस फर्म की सिंगल प्रोपराइटर थीं। ओयू बैंक से लोन जनरेटर के कारोबार के विस्तार के लिए लिया गया था। बैंक ने यह लोन 11 फरवरी 2017 को शिवांश इंटरप्राइजेज के नाम पर स्वीकृत किया और इसकी प्रोपाइटर शांति देवी के लाइफ इंश्योरेंस की पॉलिसी के लिए सिंगल प्रीमियम राशि ₹50 हजार 809 फार्म के लोन अकाउंट से डेबिट कर ली। बाकी राशि 20 फरवरी 2017 को भारतीय स्टेट बैंक रतलाम की एसएमई ब्रांच में शांति देवी उपाध्याय के खाता क्रमांक 3234 742 670 8891005 रुपए जमा कराई। एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक की रतलाम शाखा में लोन अकाउंट क्रमांक 9001120010097 44 50 खोला गया था।

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