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Photograph: (THESOOTR)
INTERNATIONAL DESK. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई गई है। 17 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) ने ये सजा सुनाई। यह फैसला एक साल से अधिक समय तक चली सुनवाई के बाद आया। इसमें 54 गवाहों की गवाही सुनी गई।
शेख हसीना और उनके मंत्रिमंडल पर आरोप था कि उन्होंने छात्र विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा, हत्या और अन्य अमानवीय कार्यों को बढ़ावा दिया। कोर्ट के फैसले ने बांग्लादेश की राजनीति में एक बड़ा भूचाल ला दिया है।
शेख हसीना का पहला रिएक्शन यह था कि यह फैसला पूरी तरह से पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित था। अब सवाल यह उठता है कि शेख हसीना के पास क्या विकल्प हैं और उनके समर्थक इस फैसले पर किस तरह प्रतिक्रिया देंगे।
शेख हसीना पर आरोप...
प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार और हत्या का आदेश
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने शेख हसीना को तीन प्रमुख आरोपों में दोषी पाया। इनमें मुख्य रूप से छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों के दौरान हत्या, अत्याचार और घातक हथियारों के इस्तेमाल का आदेश देना शामिल था। कोर्ट ने यह माना कि शेख हसीना ने जानबूझकर इन अपराधों को बढ़ावा दिया।
- आरोप 1: शेख हसीना ने प्रदर्शनकारियों को "साफ करने" का आदेश दिया, जिसमें छात्रों को गिरफ्तार कर टॉर्चर किया गया और उन पर बर्बरता की गई।
- आरोप 2: उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के लिए ड्रोन, हेलीकॉप्टर और घातक हथियारों के उपयोग का आदेश दिया।
- आरोप 3: हसीना ने इन अपराधों को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए, जबकि वह सरकार में शीर्ष पद पर थीं। शेख हसीना और उनके मंत्रिमंडल पर मुकदमा
शेख हसीना के खिलाफ मामले की सुनवाई में उनके मंत्रिमंडल के अन्य दो अधिकारियों - गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल और पुलिस प्रमुख अब्दुल्ला अल-मामून पर भी आरोप लगाए गए।
हालांकि, अब्दुल्ला अल-मामून ने अदालत में गवाही दी और सरकारी गवाह बन गए, जिससे उन्हें कम सजा मिली। इसके विपरीत, शेख हसीना और कमाल को भगोड़ा घोषित किया गया और उनके खिलाफ मुकदमा चलाया गया।
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शेख हसीना के खिलाफ फैसला: मौत की सजा
क्या कहा अदालत ने?
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) ने शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए दोषी ठहराया और उन्हें मौत की सजा सुनाई। न्यायाधिकरण के न्यायधीश गुलाम मुर्तुजा मजुमदार ने कहा कि शेख हसीना ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया और निर्दोष लोगों के खिलाफ हिंसा की। उन्होंने यह भी कहा कि शेख हसीना ने इन अपराधों को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि वह एक वरिष्ठ पद पर थीं।
सजा के बाद की स्थिति
इस फैसले के बाद बांग्लादेश में भारी सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है। कई लोग इस फैसले का विरोध कर रहे हैं, जबकि कुछ इसे न्याय की जीत मानते हैं। शेख हसीना की पार्टी के समर्थक इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई मान रहे हैं। इस फैसले के बाद शेख हसीना की राजनीतिक स्थिति और भी जटिल हो गई है।
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शेख हसीना का पहला रिएक्शन...
राजनीति से प्रेरित फैसला
शेख हसीना ने अदालत के फैसले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी और इसे पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि यह फैसला एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। मुझे न्याय नहीं, बल्कि एक पक्षपाती निर्णय मिला है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ यह मुकदमा उनके राजनीतिक विरोधियों द्वारा दवाब डालने के बाद शुरू हुआ था।
परिवार का समर्थन
शेख हसीना के बेटे सैयद हसीन ने पहले ही इस फैसले की संभावना जताई थी और यह सच साबित हुआ। उन्होंने कहा कि यह फैसला पूरी तरह से गलत है और इसके पीछे केवल राजनीतिक कारण हैं। उनके समर्थकों ने भी इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है।
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शेख हसीना के पास अब क्या विकल्प...
अपील की संभावना
शेख हसीना के पास बांग्लादेश कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ अपील करने का अधिकार है। अगर सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को बरकरार रखा, तो शेख हसीना को सजा-ए-मौत का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, हसीना की कानूनी टीम पहले ही इस फैसले को चुनौती देने की योजना बना रही है।
वैश्विक प्रतिक्रियाएं
दुनिया भर में इस फैसले पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। मानवाधिकार संगठनों ने इस फैसले को न्यायपूर्ण नहीं बताया और इसे राजनीतिक रूप से प्रेरित कहा। हालांकि, कुछ लोगों ने इसे बांग्लादेश की न्याय प्रणाली की सफलता के रूप में देखा है।
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बांगलादेश की राजनीति पर प्रभाव...
राजनीतिक तनाव
शेख हसीना के खिलाफ इस फैसले ने बांग्लादेश की राजनीति में गहरा असर डाला है। जहां एक ओर उनके समर्थक इसे एक गलत फैसले के रूप में देख रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे न्याय की जीत मानते हैं। इस फैसले के बाद बांग्लादेश में राजनीतिक संघर्ष और विरोध प्रदर्शन की संभावना है। यह देश के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है।
यह फैसला बांगलादेश के लिए एक नया अध्याय है?
यह फैसला न केवल शेख हसीना की राजनीतिक यात्रा को प्रभावित करेगा, बल्कि यह बांग्लादेश के लोकतांत्रिक ढांचे और न्याय प्रणाली की भी परीक्षा लेगा।
यदि शेख हसीना इस फैसले के खिलाफ अपनी अपील में सफल होती हैं, तो यह बांग्लादेश की न्याय प्रणाली की एक बड़ी जीत होगी। अन्यथा, यह फैसला बांग्लादेश की राजनीतिक और सामाजिक स्थितियों को और जटिल बना सकता है।
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