सिसोदिया और सत्येंद्र जैन पर FIR : 1300 करोड़ के क्लासरूम घोटाले में राष्ट्रपति की मंजूरी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में 1300 करोड़ रुपये के कथित क्लासरूम घोटाले में मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी दी है, जिससे 'आप' नेताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में कक्षा-कक्षों के निर्माण में 1300 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के संबंध में दोनों नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति प्रदान की है।
2015 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण का निर्देश दिया था। लोक निर्माण विभाग (PWD) को 193 स्कूलों में 2,405 कक्षाओं के निर्माण का कार्य सौंपा गया था।
अनियमितताओं के आरोप
केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने 17 फरवरी 2020 को अपनी रिपोर्ट में पीडब्ल्यूडी ने कक्षाओं के निर्माण में अनियमितताओं को बताया। इसके अनुसार-
बिना निविदा के निर्माण लागत में 90% तक वृद्धि की गई।
194 स्कूलों में 160 शौचालयों की आवश्यकता के मुकाबले 1,214 शौचालयों का निर्माण किया गया, जिससे 37 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय हुआ।
स्वीकृत राशि 989.26 करोड़ रुपये थी, लेकिन वास्तविक व्यय 1,315.57 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव को देरी की जांच करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। इसके बाद, दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने जांच की सिफारिश की और अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपी। अब, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी दे दी है, जिससे जांच प्रक्रिया में तेजी आने की संभावना है।
एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी के बाद, आम आदमी पार्टी के नेताओं ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है। उनका कहना है कि यह कार्रवाई पार्टी की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से की जा रही है। हालांकि, विपक्षी दलों ने इस कदम का स्वागत किया है और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
FAQ- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1300 करोड़ रुपए के क्लासरूम घोटाले में क्या आरोप हैं?
आरोप है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में कक्षा-कक्षों के निर्माण में अनियमितताएं हुईं, जिसमें बिना निविदा के निर्माण लागत में वृद्धि, आवश्यकता से अधिक शौचालयों का निर्माण और स्वीकृत राशि से अधिक व्यय शामिल हैं।
राष्ट्रपति द्वारा एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी का क्या महत्व है?
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जा सकेगी, जिससे मामले की जांच में तेजी आएगी।
इस घोटाले का 'आप' की राजनीतिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?
यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो इससे 'आप' की छवि को नुकसान हो सकता है और आगामी चुनावों में पार्टी की संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।