सुप्रीम कोर्ट की ED को सख्त चेतावनी : राजनीतिक लड़ाई के लिए दुरुपयोग न करें, अपील खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि एजेंसी का राजनीतिक लड़ाइयों में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। अदालत ने कर्नाटक मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती मामले में ED की याचिका को खारिज कर दिया। 

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Jitendra Shrivastava
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) पर कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि एजेंसी का राजनीतिक लड़ाइयों में इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। यह टिप्पणी कर्नाटक मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती और अन्य मामलों में ED की अपील की सुनवाई के दौरान की गई।

कर्नाटक CM की पत्नी के खिलाफ ED की अपील

ED ने कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती और कर्नाटक के शहरी विकास मंत्री बायरथी सुरेश के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की कार्यवाही को खारिज कर दिया गया था। यह मामला मैसूर अर्बन डिवेलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) द्वारा कथित अवैध साइट आवंटन से जुड़ा था। सुप्रीम कोर्ट ने ED की अपील को खारिज करते हुए कहा कि यह एजेंसी का दुरुपयोग था और राजनीतिक मामलों में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

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वकीलों को समन पर सुप्रीम कोर्ट का रुख

सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य मामले में वकीलों को समन भेजने की प्रक्रिया पर भी अपनी सख्त प्रतिक्रिया दी। यह मामला वरिष्ठ वकीलों द्वारा कानूनी सलाह देने से जुड़ा था। कोर्ट ने कहा कि अगर वकील द्वारा दी गई कानूनी सलाह गलत भी हो, तो उसे समन भेजने का कोई कारण नहीं हो सकता। मुख्य न्यायाधीश ने इसे विशेषाधिकार का मामला बताया और इस पर दिशा-निर्देश तय करने की जरूरत जताई।

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ED की अपील वापस लेने का निर्णय

सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद, ED ने अपनी अपील को वापस ले लिया। हालांकि, ED ने इस अपील को वापस लेने के बाद यह अनुरोध किया कि इसे एक मिसाल के रूप में न लिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एजेंसी के दुरुपयोग को रोकने के लिए उचित दिशा-निर्देशों की जरूरत है और राजनीतिक लड़ाइयों में अदालत का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।

5 पॉइंट्स से समझें मामला...

  1. ED की कार्रवाई:

    प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती और मंत्री बायरथी सुरेश के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच की। यह जांच अवैध साइट आवंटन से जुड़ी थी, जिसे कर्नाटक हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
  2. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी:

    सुप्रीम कोर्ट ने ED की कार्रवाई पर सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि एजेंसी का इस्तेमाल राजनीतिक लड़ाइयों में नहीं होना चाहिए। यह बयान कर्नाटक के मामलों में ED की अपील को लेकर दिया गया था।
  3. वकील समन विवाद:

    सुप्रीम कोर्ट ने ED द्वारा वकीलों को समन भेजने पर भी सवाल उठाया। कोर्ट ने कहा कि वकील की कानूनी सलाह के लिए समन भेजना गलत हो सकता है, यह विशेषाधिकार का उल्लंघन है।
  4. ED की अपील का खारिज होना:

    ED ने कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें बीएम पार्वती और बायरथी सुरेश के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की कार्यवाही खारिज की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने ED की अपील खारिज कर दी।
  5. राजनीतिक दुरुपयोग का आरोप:

    कोर्ट ने इस पर टिप्पणी की कि ED का दुरुपयोग राजनीतिक लड़ाई में नहीं होना चाहिए। यह टिप्पणी विशेष रूप से ED के राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप करने के संदर्भ में दी गई।

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