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New Delhi. तेलंगाना राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग को 42 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने Writ Petition (Civil) No. 945/2025 में यह आदेश पारित करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता चाहे तो इस मुद्दे को संबंधित तेलंगाना हाईकोर्ट में उठाने के लिए स्वतंत्र है। अदालत ने स्पष्ट किया कि इस स्तर पर सुप्रीम कोर्ट प्रत्यक्ष रूप से राज्य नीति में हस्तक्षेप नहीं करेगा।
आरक्षण के समर्थन में दाखिल की हस्तक्षेप याचिका
इस प्रकरण में OBC Advocates Welfare Association ने सुप्रीम कोर्ट में एक हस्तक्षेप याचिका दाखिल करते हुए तेलंगाना सरकार द्वारा दिए गए 42 प्रतिशत आरक्षण का समर्थन किया। संघ के प्रतिनिधियों ने अपने पक्ष में कहा कि यह आरक्षण संवैधानिक भावना के अनुरूप है और राज्य में सामाजिक समानता के लिए आवश्यक कदम है। साथ ही उन्होंने मूल याचिका की maintainability पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि यह मामला सीधे सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।
OBC वर्ग के अधिवक्ताओं ने रखा तर्क
सुनवाई के दौरान ओबीसी पक्ष से वरिष्ठ एडवोकेट रामेश्वर सिंह ठाकुर और वरुण ठाकुर ने जोरदार बहस की। उन्होंने कहा कि तेलंगाना राज्य में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों की जनसंख्या और परिस्थितियों को देखते हुए 42 प्रतिशत आरक्षण का निर्णय पूरी तरह उचित है। दोनों अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि यह आरक्षण न केवल संवैधानिक अनुच्छेद 15(4) और 16(4) के अनुरूप है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्ववर्ती निर्णयों के भी अनुरूप है।
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याचिकाकर्ता को दी हाईकोर्ट में जाने की स्वतंत्रता
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता इस विषय पर तेलंगाना हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए स्वतंत्र है, जहां तथ्यात्मक और संवैधानिक प्रश्नों की समीक्षा की जा सकेगी। इसके साथ ही न्यायालय ने स्पष्ट किया कि केंद्र या अन्य राज्य सरकारों से इस चरण में कोई जवाब तलब नहीं किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश ने एक बार फिर राज्यों में ओबीसी आरक्षण की सीमा और नीति निर्धारण की स्वायत्तता पर चर्चा को नया आयाम दिया है। ओबीसी संगठनों ने इस निर्णय को ‘संविधानसम्मत संतुलन’ बताते हुए स्वागत किया है, जबकि याचिकाकर्ता अब तेलंगाना हाईकोर्ट में अपनी चुनौती लेकर जाएंगे।