BHOPAL. क्रिकेट इतिहास में 20 फरवरी का दिन काफी खास है। 8 साल पहले यानी, साल 2016 में इसी दिन न्यूजीलैंड के तत्कालीन कप्तान ब्रैंडन मैक्कुलम ने अपने आखिरी टेस्ट मैच में इतिहास रच दिया था। बता दें कि क्राइस्ट चर्च में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए उस मैच में मैक्कुलम ने महज 54 गेंदों पर शतक जड़ा था, जो टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का सबसे तेज शतक रहा।
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क्या है बैजबॉल
आपको बता दें कि बैजबॉल शब्द का संबंध इंग्लैंड के कोच ब्रेंडन मैक्कुलम से जुड़ा है। मैक्कुलम की बल्लेबाजी के बारे में सभी को पता है। वो बहुत ही तेजी और आक्रामक बल्लेबाजी करते थे। मैक्कुलम का निकनेम बैज था।
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ब्रैंडन मैक्कुलम का कोई मुकाबला नहीं
कहा जाता है कि ब्रैंडन मैक्कुलम का वो रिकॉर्ड आज तक कोई नहीं तोड़ पाया। मैक्कुलम ने तब वेस्टइंडीज के सर विवियन रिचर्ड्स और पाकिस्तान के मिस्बाह उल हक के 56 गेंदों पर बनाए गए शतकीय रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया। उसी मुकाबले में मैक्कुलम ने एडम गिलक्रिस्ट के टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा छक्के लगाने के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया था। मैक्कुलम ने अपने टेस्ट करियर में 107 छक्के लगाए। लेकिन मैक्कुलम के इस छक्कों का रिकॉर्ड आगे चलकर बेन स्टोक्स ने तोड़ दिया। स्टोक्स ने अब तक 100 टेस्ट मैचों में 128 छक्के लगाए हैं।
54 गेंदों में 16 चौके और 4 छक्के
बता दें कि ब्रैंडन मैक्कुलम ने मात्र 54 गेंदों में 16 चौकों और 4 छक्कों की मदद से ये शतक जड़ा था। मैक्कुलम उस पारी में 145 रन बनाकर आउट हो गए। जेम्स पैटिंसन ने उन्हें अपना शिकार बनाया। 145 रनों की अपनी पारी में उन्होंने 21 चौके और 6 छक्के लगाए। हालांकि मैक्कुलम को यादगार विदाई नहीं मिल पाई थी, क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई टीम उस मुकाबले को सात विकेट से जीतने में सफल रही थी।
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टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज शतक
- 54 गेंद : ब्रैंडन मैक्कुलम, न्यूजीलैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया, क्राइस्टचर्च
- 56 गेंद : विवियन रिचर्ड्स, वेस्टइंडीज बनाम इंग्लैंड, सेंट जॉन्स
- 56 गेंद : मिस्बाह उल हक, पाकिस्तान बनाम ऑस्ट्रेलिया, अबु धाबी
- 57 गेंद : एडम गिलक्रिस्ट, ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड, पर्थ
- 67 गेंद : जैक ग्रेगरी, ऑस्ट्रेलिया बनाम साउथ अफ्रीका, जोहानिसबर्ग
- 69 गेंद : शिवनारायण चंद्रपॉल, वेस्टइंडीज बनाम ऑस्ट्रेलिया, जॉर्जटाउन
- 69 गेंद : डेविड वॉर्नर, ऑस्ट्रेलिया बनाम भारत, पर्थ
- 70 गेंद : क्रिस गेल, वेस्टइंडीज बनाम ऑस्ट्रेलिया, पर्थ
बैजबॉल का जनक : मैक्कुलम
न्यूजीलैंड क्रिकेट को एक नई दिशा प्रदान करने में ब्रैंडन मैक्कुलम का अहम रोल माना जाता है। मैक्कुलम ने 2012-16 के दौरान न्यूजीलैंड के लिए अपनी कप्तानी का जलवा दिखाया। मैक्कुलम की कप्तानी में न्यूजीलैंड की टीम आक्रामक रवैये के साथ क्रिकेट खेलने के लिए जानी जाती थी। मैक्कुलम के नेतृत्व में ही न्यूजीलैंड की टीम पहली बार वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची थी। हालांकि, 2015 के उस विश्व कप फाइनल में न्यूजीलैंड को फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार झेलनी पड़ी। मैक्कुलम को मई 2022 में इंग्लैंड की टेस्ट टीम का हेड कोच बनाया गया था। हेड कोच बनने के बाद उन्होंने इंग्लिश क्रिकेट में क्रांति ला दी है। मैक्कुलम की कोचिंग में इंग्लैंड टीम ने टेस्ट फॉर्मेट में भी तेजी से खेलना शुरू किया। मैक्कुलम को 'बैजबॉल का जनक' माना जाता है। मैक्कुलम अपने समय में जब क्रिकेट खेलते थे तो वो अपने आक्रामक अंदाज के लिए जाने जाते थे। तब उनका निकनेम 'बैज' था। इसी निकनेम के साथ 'बॉल' को जोड़ते इंग्लैंड टीम ने 'BazBall' शब्द निकाला।
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2008 में IPL के पहले मैच में मैक्कुलम ने मचाई थी तबाही
साल 2002 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना इंटरनेशनल डेब्यू करने वाले ब्रैंडन मैक्कुलम ने न्यूजीलैंड के लिए करीब 14 साल तक क्रिकेट खेला। इस दौरान उन्होंने 260 वनडे इंटरनेशनल में 30.41 की औसत से 6083 रन बनाए, जिसमें पांच शतक और 32 अर्धशतक शामिल रहे। वहीं टेस्ट क्रिकेट की बात करें तो इस कीवी बल्लेबाज ने 101 मैचों में 38.64 की एवरेज से 6453 रन बनाए। टेस्ट मैचों में मैक्कुलम के नाम 12 शतक और 31 अर्धशतक दर्ज हैं। इसके अलावा मैक्कुलम ने 71 टी-20 इंटरनेशनल मुकाबले में भी भाग लिया, जिसमें उन्होंने 35.66 की औसत से 2140 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने दो शतक और 13 अर्धशतक जड़े। 42 साल के मैक्कुलम आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स के अलावा कोच्चि टस्कर्स केरला, गुजरात लॉयन्स, आरसीबी और चेन्नई सुपर किंग्स के लिए मैदान पर उतरे। 18 अप्रैल 2008 को आईपीएल के पहले ही मैच में मैक्कुलम ने तबाही मचा दी थी। बेंगलुरू में हुए उस मैच में कोलकाता नाइट राइडर्स की ओर से खेलते हुए उन्होंने रॉयल चैंलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ 73 गेंदों में 158 रनों की पारी खेली थी। मैक्कुलम ने 109 आईपीएल मैचों में 27.69 की औसत से 2880 रन बनाए, जिसमें दो शतक और 13 अर्धशतक शामिल रहे।
Q & A
बैजबाल क्या है? यह शब्द हाल ही में कब चर्चा में आया
बैजबाल क्रिकेट में एक शब्द है जो इंग्लैंड क्रिकेट टीम के आक्रामक खेलने के तरीके का वर्णन करता है। यह शब्द इंग्लैंड के कोच ब्रेंडन मैक्कुलम के उपनाम "बैज" और उनके आक्रामक बल्लेबाजी के अंदाज से प्रेरित है।
बैजबाल क्रिकेट की मुख्य विशेषताएं
- तेज रन गति : बल्लेबाज हर गेंद पर रन बनाने का प्रयास करते हैं, चाहे वह गेंद अच्छी हो या खराब।
- आक्रामक बल्लेबाजी : बल्लेबाज चौके और छक्के लगाने के लिए अधिक जोखिम लेते हैं।
- सकारात्मक सोच : बल्लेबाज हमेशा जीतने के लिए खेलते हैं और कभी हार नहीं मानते।
- आक्रामक क्षेत्ररक्षण : क्षेत्ररक्षक गेंद को रोकने के लिए आक्रामक क्षेत्ररक्षण करते हैं।
बैजबाल क्रिकेट के फायदे
- यह दर्शकों के लिए रोमांचक और मनोरंजक होता है।
- यह टेस्ट क्रिकेट को गति प्रदान करता है।
- यह युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करता है।
बैजबाल क्रिकेट के नुकसान
- यह बल्लेबाजों के लिए अधिक जोखिम भरा होता है।
- यह गेंदबाजों के लिए अधिक चुनौतीपूर्ण होता है।
- यह मैच के परिणाम को अप्रत्याशित बनाता है।
बैजबाल क्रिकेट का इतिहास
- 2022 में, इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने ब्रेंडन मैक्कुलम को अपना कोच नियुक्त किया।
- मैक्कुलम ने टीम को आक्रामक क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया।
- इंग्लैंड ने 2023 में न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीती।
- 2023 में एशेज सीरीज में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को हरा दिया।
निष्कर्ष
- बैजबाल क्रिकेट टेस्ट क्रिकेट का एक नया और रोमांचक रूप है। यह दर्शकों के लिए मनोरंजक है और युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करता है।
- यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बैजबाल क्रिकेट अभी भी विकास के चरण में है और इसके दीर्घकालिक प्रभावों का आकलन करना अभी बाकी है।