इस साल होली के पहले लोगों के छूटेंगे पसीने, होली से शुरू होगी Heat Wave!

2024 में होली के आसपास उत्तर और मध्य भारत के सभी राज्यों में हीटवेव (लू) चल सकती है। इसकी दो वजहें हैं- होली इस बार मार्च के आखिरी हफ्ते (25 मार्च) में है और दक्षिण भारत में तापमान की बढ़ोतरी दो हफ्ते पहले फरवरी की शुरुआत से ही हो गई।

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Pratibha Rana
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होली से ही हीटवेव

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BHOPAL. फरवरी का महीना गुजर गया है, मार्च महीना कल से शुरू हो जाएगा। इसी महीने होली है। होली के बाद गर्मी की शुरुआत हो जाती है, लेकिन मौसम विज्ञानिकों के मुताबिक इस बार होली ( Holi ) से ही हीटवेव शुरू हो जाएगी। इस सीजन में गर्मी का असर मार्च-अप्रेल में भी ज्यादा रह सकता है ( heat scorch Holi )। प्रदेश में इस बार होली के त्योहार पर हल्की सर्दी की बजाय लू के थपेड़े सता रहे हैं। अक्सर अप्रेल महीने में लू चलती है, लेकिन इस बार मार्च से लू चल सकती है। 

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इस बार होली हीटवेव चलने का अनुमान

कई राज्यों में इस बार होली के पहले ही गर्मी अपना रंग दिखाना शुरू कर सकती है। इस बार होली हीटवेव चलने का अनुमान है। 2024 में होली के आसपास उत्तर और मध्य भारत के सभी राज्यों में हीटवेव (लू) चल सकती है। इसकी दो वजहें हैं- होली इस बार मार्च के आखिरी हफ्ते (25 मार्च) में है और दक्षिण भारत में तापमान की बढ़ोतरी दो हफ्ते पहले फरवरी की शुरुआत से ही हो गई।

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हीटवेव क्या है?

हीटवेव एक ऐसी अवधि होती है जब तापमान सामान्य से अधिक रहता है। यह एक गंभीर मौसम घटना है जो स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकती है।

हीटवेव की परिभाषा:

भारत में, हीटवेव को तब घोषित किया जाता है जब:

  • मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 40°C या उससे अधिक हो जाता है।
  • पहाड़ी क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 30°C या उससे अधिक हो जाता है।
  • तापमान सामान्य से कम से कम 4.5°C अधिक हो जाता है।

हीटवेव के कारण:

  • उच्च दबाव का क्षेत्र: उच्च दबाव का क्षेत्र हवा को नीचे धकेलता है, जिससे तापमान बढ़ जाता है।
  • एल नीनो: एल नीनो एक जलवायु घटना है जो समुद्र की सतह के तापमान में बदलाव का कारण बनती है, जिससे हीटवेव का खतरा बढ़ जाता है।
  • जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे हीटवेव का खतरा बढ़ रहा है।

हीटवेव के प्रभाव:

  • स्वास्थ्य: हीटवेव से लू, हीट स्ट्रोक और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
  • अर्थव्यवस्था: हीटवेव से कृषि, पर्यटन और अन्य उद्योगों को नुकसान हो सकता है।
  • पर्यावरण: हीटवेव से जंगल की आग, सूखा और अन्य पर्यावरणीय समस्याएं हो सकती हैं।

हीटवेव से बचाव:

  • पानी पीते रहें: निर्जलीकरण से बचने के लिए दिन भर में खूब पानी पीते रहें।
  • धूप से बचें: धूप से बचने के लिए छाया में रहें और टोपी और सनस्क्रीन पहनें।
  • हल्के कपड़े पहनें: हल्के रंग के, ढीले-ढाले कपड़े पहनें जो पसीने को सोख सकें।
  • गर्मी से बचें: दिन के सबसे गर्म समय में बाहर जाने से बचें।
  • बुजुर्गों और बच्चों की देखभाल करें: बुजुर्गों और बच्चों को हीटवेव से विशेष रूप से खतरा होता है, इसलिए उनकी देखभाल करना महत्वपूर्ण है।
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