भारतीय रेलवे ने यात्रियों को दी जाने वाली ट्रेन लेट होने पर रिफंड सुविधा को बंद कर दिया है। यह जानकारी सूचना के अधिकार (RTI) के तहत सामने आई है। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) ने बताया कि प्राइवेट ट्रेनों के लिए यह सुविधा अब लागू नहीं होगी। सरकारी ट्रेनों में रिफंड की सुविधा पहले जैसी ही जारी रहेगी।
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प्राइवेट ट्रेनों में रिफंड सुविधा क्यों हुई बंद?
IRCTC ने बताया कि 15 फरवरी, 2024 से प्राइवेट ट्रेनों (Private Trains) में ट्रेन लेट होने पर रिफंड देना बंद कर दिया गया है। हालांकि, इसका कारण स्पष्ट नहीं किया गया है। सरकारी ट्रेनों के लिए रिफंड की सुविधा जारी रहेगी, लेकिन तेजस जैसी प्राइवेट ट्रेनों के यात्रियों को अब किसी प्रकार का रिफंड नहीं मिलेगा।
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पहले कैसे मिलता था रिफंड?
पिछले नियमों के तहत अगर ट्रेन 1-2 घंटे लेट होती थी, तो यात्रियों को 100 रुपये का रिफंड दिया जाता था। 2-4 घंटे की देरी पर यह राशि 250 रुपये हो जाती थी। यदि ट्रेन लेट होने के कारण यात्री टिकट कैंसिल कर देते थे, तो उन्हें पूरी टिकट राशि लौटा दी जाती थी।
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रेलवे ने कितनी क्षतिपूर्ति दी?
रेलवे ने 4 अक्टूबर, 2019 से 16 फरवरी, 2024 के बीच कुल 26 लाख रुपये रिफंड के रूप में लौटाए। वित्त वर्ष 2023-24 में ही IRCTC ने यात्रियों को 15.65 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति दी। हालांकि, 2020-21 में रिफंड शून्य रहा।
प्राइवेट ट्रेनों की मौजूदा स्थिति
भारतीय रेलवे की प्राइवेट ट्रेनों में तेजस एक्सप्रेस (Tejas Express) प्रमुख है। यह दो रूट पर चलती है – नई दिल्ली से लखनऊ और अहमदाबाद से मुंबई। इन प्राइवेट ट्रेनों में अब ट्रेन लेट होने पर कोई रिफंड नहीं दिया जाएगा, जिससे यात्रियों को इस सुविधा का नुकसान उठाना पड़ेगा।
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