अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) द्वारा नई दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय छात्र संसद का शुभारंभ हुआ। इस दौरान जनजातीय छात्र संसद का आयोजन विशेष रूप से चर्चा का केंद्र रहा। 300 से अधिक छात्र-छात्राओं ने देशभर से भाग लिया। जिसमें जनजातीय समाज के उत्थान, शिक्षा, रोजगार, संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण पर गहन मंथन हुआ।
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मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने संबोधित करते हुए कहा कि जनजातीय समाज भारतीय संस्कृति और परंपराओं का वाहक है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि हमें अपनी बोली, खानपान, रीति-रिवाज और परंपराओं पर गर्व करना चाहिए, क्योंकि यही हमारी संस्कृति को जीवित रखता है।
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शिक्षा और रोजगार पर मंथन
कार्यक्रम के दौरान शिक्षा और रोजगार के मुद्दे पर भी कई महत्वपूर्ण चर्चा हुई। छात्रों ने यह पूछा कि कैसे सरकार की योजनाओं जैसे छात्रवृत्तियां और आवासीय विद्यालय जमीनी स्तर पर प्रभावी हो सकती हैं। जनजातीय छात्र संसद के चौथे सत्र में विशेष व्याख्यान का आयोजन हुआ। जिसमें आईएएस अधिकारी सरोज कुमार ने सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में युवाओं की भूमिका पर अपने विचार रखे।
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सरकार और समाज के बीच सेतु
अभाविप ( ABVP ) ने छात्र समुदाय और सरकार के बीच एक मजबूत सेतु का निर्माण किया है। जनजातीय समाज की समस्याओं और आवश्यकताओं का सही तरीके से समाधान किया जा सके। इस संसद सत्र में आए सुझावों को सरकार तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा, ताकि नीतिगत निर्णयों में छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
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