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भारतीय वायु सेना के एयर मार्शल संजीव घुराटिया शुक्रवार को ही जबलपुर पहुंच गए थे। साथ ही थलसेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी शनिवार यानी 13 जुलाई को सुबह दिल्ली से जबलपुर पहुंचे। जनरल द्विवेदी ने मध्य भारत एरिया के तहत आने वाले सैन्य संस्थानों में निरीक्षण किया।
वह पूर्वी सेना कमान के तहत सभी कोर संरचनाओं के अपने दो दिवसीय दौरे में पहुंचे है, जिसमें दीमापुर मुख्यालय वाली 3 कोर भी शामिल है।
गुरुवार को अपने दौरे की शुरुआत करने वाले चीफ ने तेजपुर स्थित गजराज 4 कोर का भी दौरा किया था, जहां उन्हें चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा की वर्तमान स्थिति और वहां परिचालन तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई।
सेना प्रमुख ने जबलपुर में मिलिट्री कॉलेज ऑफ मैटेरियल मैनेजमेंट और जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर का भी दौरा किया और उन्हें प्रशिक्षण, बुनियादी ढांचे के विकास और प्रशासनिक गतिविधियों में प्रौद्योगिकी के अभिनव अनुकूलन के बारे में जानकारी दी गई।
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आयुध निर्माणी फैक्ट्री खमरिया का निरीक्षण
एयर मार्शल संजीव घुराटिया ने आयुध निर्माणी फैक्ट्री खमरिया ( OFK ) का निरीक्षण किया। वायु सेना में इस्तेमाल किए जाने वाले उन्नत बमों का निर्माण जबलपुर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री ( OFK ) में ही होता है। बीते दिनों जबलपुर में कबाड़ खाने ब्लास्ट में वायु सेना के बम मिलने के बाद और हाईकोर्ट की OFK की भूमिका पर की गई टिप्पणी के बाद यह दौरा बहुत ही खास माना जा रहा है।
अधिकारियों का जबलपुर से पुराना रिश्ता
थल सेना अध्यक्ष जनरल द्विवेदी को जबलपुर के जम्मू एंड कश्मीर राइफल् रेजिमेंटल सेंटर ( जेकेआरसीसी ) से कमीशन प्राप्त हुआ था। जबलपुर में एक लंबे समय तक पोस्टेड रहे हैं और थल सेना अध्यक्ष बनने के बाद उनका यह जबलपुर का पहला दौर था। तो भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल संजीव घुराटिया का भी जबलपुर से पुराना नाता है।
इनकी पढ़ाई भी जबलपुर से ही हुई है। जबलपुर के मॉडल हाई स्कूल के 1983 बैच पास आउट एयर मार्शल ने जबलपुर के ही इंजीनियरिंग कॉलेज से अपनी तकनीकी स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। जबलपुर प्रवास के दौरान एयर मार्शल पाठ बाबा, ग्वारीघाट जैसे जबलपुर के मुख्य दार्शनिक स्थलों पर भी पहुँचे।
सैन्य अधिकारियों का जबलपुर द्वारा एक और जहां कबाड़ खाने ब्लास्ट से जोड़कर देखा जा रहा है तो दूसरी ओर यह भी उम्मीद है कि जबलपुर में सैन्य प्रशिक्षण का कोई संस्थान शुरू करने की कोशिश जारी है।
हालांकि इसकी अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है । पर वायु सेना सहित अन्य सेनाओं के लिए भी बम निर्माण और वाहन बनाने की फैक्ट्रियां जिस शहर में है। यदि वहां पर एयरफोर्स ट्रेनिंग का कोई इंस्टिट्यूट खुलता है तो भारत के नक्शे में जबलपुर की अहमियत और भी बढ़ जाएगी।