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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यूको बैंक (UCO Bank) के पूर्व चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर सुबोध कुमार गोयल को बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी कोलकाता स्थित उनके घर से की गई। कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) 2002 के तहत की गई।
ED ने 16 मई को उनको गिरफ्तार किया था। 17 मई को गोयल को विशेष PMLA कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें 21 मई 2025 तक ईडी की रिमांड में भेज दिया है। ईडी की यह बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है, क्योंकि इसमें एक बड़े राष्ट्रीयकृत बैंक के बड़े अधिकारी को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया गया है।
सीएसपीएल को दिए गए लोन पर घोटाले का आरोप
यह मामला छत्तीसगढ़ की एक कंपनी सीएसपीएल (CSPL) से जुड़ा है, जिसे यूको बैंक (uco bank) ने 6 हजार 210 करोड़ का भारी-भरकम लोन दिया था। यह लोन सुबोध गोयल के चेयरमैन रहते हुए स्वीकृत हुआ था। जांच में सामने आया है कि यह राशि कंपनी ने अन्यत्र भेज दी और इसका इस्तेमाल गलत ढंग से किया गया। इस गड़बड़ी को लेकर पहले ही सीबीआई (CBI) द्वारा एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। अब ईडी इस मामले में आर्थिक गड़बड़ियों और धनशोधन (money laundering) की परतें खोल रही है।
ईडी का आरोप: गोयल को मिला कैश और संपत्ती का लाभ
ईडी ने दावा किया है कि इस लोन की मंजूरी और उसके दुरुपयोग के बदले में सुबोध गोयल को निजी फायदे दिए गए। इसमें नकद राशि, जमीन-जायदाद, कीमती सामान और लग्जरी होटल बुकिंग तक शामिल है। ईडी की जांच में सामने आया कि ये सभी फायदे गोयल तक शेल कंपनियों, फ्रंट कंपनियों और उनके परिवार के नाम से पहुंचे ताकि असली लेन-देन छुपाया जा सके। इतना ही नहीं, जांच में कई संपत्तियां भी गोयल और उनके परिजनों के नाम पर या उनकी देखरेख में खरीदी गई हैं।
पहले भी हो चुकी है गिरफ्तारी, करोड़ों की संपत्ति जब्त
ईडी इस मामले में पहले भी एक बड़ी गिरफ्तारी कर चुकी है। दिसंबर 2024 में सीएसपीएल के प्रमोटर संजय सुरेका को गिरफ्तार किया गया था। फरवरी 2025 में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। साथ ही, सुरेका और उनकी कंपनी की 510 करोड़ रुपए की संपत्तियां भी ईडी द्वारा दो अलग-अलग आदेशों में जब्त की गई हैं। अब सुबोध गोयल की गिरफ्तारी इस केस की अगली बड़ी कड़ी के रूप में देखी जा रही है।
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ईडी की जांच और आगे की कार्रवाई
ईडी अब गोयल से पूछताछ कर रही है कि आखिर उन्होंने कितनी संपत्तियां और अवैध लाभ इस घोटाले से प्राप्त किए। साथ ही, इसमें शामिल अन्य बैंक अधिकारियों, दलालों और कंपनियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। सुबोध गोयल के कार्यकाल में लोन प्रक्रिया में कैसे अनियमितता हुई, इसके पीछे कौन-कौन जिम्मेदार थे और कितने पैसों की हेराफेरी हुई – ये सभी सवाल अब ईडी की प्राथमिक जांच में शामिल हैं।
घोटाले की परतें और संभावित गिरफ्तारी की संभावना
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए संभावना है कि आगे और भी कई बैंक अधिकारी और कारोबारी ईडी की जांच के घेरे में आ सकते हैं। ईडी यह भी पता लगाने में जुटी है कि इस लोन घोटाले के पीछे कौन-कौन प्रमुख राजनीतिक और वित्तीय चेहरे रहे हैं। फिलहाल इस केस की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है।
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आसान भाषा में खबर को समझें
- यूको बैंक के पूर्व चेयरमैन सुबोध गोयल को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया।
- सीएसपीएल को 6 हजार 210 करोड़ रुपए का लोन मंजूर हुआ था, जिसे गलत तरीके से उपयोग किया गया।
- ईडी का दावा – लोन मंजूरी के बदले गोयल को नकद और संपत्तियों में रिश्वत मिली।
- इससे पहले प्रमोटर संजय सुरेका की गिरफ्तारी हो चुकी है और ₹510 करोड़ की संपत्तियां जब्त हुईं।
- मामले की जांच जारी, आगे और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
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