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Photograph: (the sootr)
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित आबकारी घोटाले (शराब घोटाले) की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। राज्य सरकार ने इस मामले में 30 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दे दी है, जिससे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है।
इस महत्वपूर्ण फैसले के बाद, आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने जांच की रफ्तार और तेज कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में इन अधिकारियों की गिरफ्तारी की प्रबल संभावना है।
'द सूत्र' सबसे पहले उन 30 अधिकारियों के नाम आपके लिए लेकर आया है, जिनके खिलाफ अभियोजन की अनुमति प्रदान की गई है। यह सूची राज्य के प्रशासनिक हलकों में हलचल मचाने वाली मानी जा रही है, क्योंकि इनमें कई वरिष्ठ और प्रभावशाली अधिकारी भी शामिल हैं।
इन अधिकारियों के खिलाफ मिली केस चलाने की अनुमति
- 1 जनार्दन कौरव, सहायक जिला आबकारी अधिकारी
- 2 अनिमेष नेताम, उपायुक्त आबकारी
- 3 विजय सेन शर्मा, उपायुक्त आबकारी
- 4 अरविंद कुमार पाटले, आयुक्त आबकारी
- 5 प्रमोद कुमार नेताम्, सहायक आयुक्त आबकारी
- 6 रामकृष्ण मिश्रा, सहायक आयुक्त, आबकारी
- 7 विकास कुमार गोस्वामी, सहायक आयुक्त, आबकारी
- 8 इकबाल खान, जिला आबकारी अधिकारी
- 9 नितिन खंडुजा, सहायक जिला आबकारी अधिकारी
- 10 मंजुश्री कसेर सहायक आयुक्त आबकारी
- 11 नवीन प्रताप सिंग तोमर, सहायक आयुक्त, आबकारी
- 12 सौरम बख्शी, सहायक आयुक्त आबकारी
- 13 दिनकर वासनिक, सहायक आयुक्त आबकारी
- 14 मोहित कुमार जायसवाल, जिला आबकारी अधिकारी
- 15 नीतू नोतानी, उपायुक्त आबकारी
- 16 गरीवपाल दर्दी, जिला आबकारी अधिकारी
- 17 नोहर सिंह ठाकुर, उपायुक्त आबकारी
- 18 सोनल नेताम, सहायक आयुक्त आबकारी
- 19 प्रकाश पाल, सहायक आयुक्त आबकारी
- 20 अलेख राम सिदार, सहायक आयुक्त आबकारी
- 21 आशीष कोसम्, सहायक आयुक्त आबकारी
- 22 ए.के. सिंग, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
- 23 राजेश जायसवाल, जिला आबकारी अधिकारी
- 24 जे.आर. मंडावी, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
- 25 जे. आर. पैकरा, सहायक आयुक्त आबकारी (सेवानिवृत्त)
- 26 जी.एस. नुरूटी, सहायक आयुक्त आबकारी (सेवानिवृत्त)
- 27 देवलाल वैध, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
- 28 ए.के. अनंत, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
- 29 वेदराम लहरे, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
- 30 एल.एल.ध्रुव, उपायुक्त आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
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घोटाले का हुआ पर्दाफाश, सामने आए बड़े नाम
शराब घोटाले ने छत्तीसगढ़ की सियासत और प्रशासन को हिलाकर रख दिया है। इसमें अब तक कई बड़े नाम सामने आ चुके हैं। EOW ने इस मामले में कुल 36 लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें तत्कालीन अतिरिक्त निदेशक (एडिशनल डायरेक्टर), संयुक्त निदेशक (ज्वाइंट डायरेक्टर), उप निदेशक (डिप्टी डायरेक्टर), जिला आबकारी अधिकारी और इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी शामिल हैं। जांच के दौरान EOW ने इन अधिकारियों से लंबी पूछताछ की और महत्वपूर्ण सबूत जुटाए हैं।
EOW ने राज्यभर में 13 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सबूत जब्त किए गए। इन छापों से प्राप्त जानकारी ने जांच को और मजबूती दी है। सूत्रों के अनुसार, ये दस्तावेज घोटाले के तार कारोबारियों, नौकरशाहों और राजनेताओं से जोड़ते हैं।
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यह है आबकारी घोटाला
छत्तीसगढ़ का आबकारी घोटाला शराब की बिक्री और वितरण से जुड़ा एक बड़ा घपला है, जिसमें कथित तौर पर करोड़ों रुपये की हेराफेरी हुई। इस घोटाले में शराब के लाइसेंस आवंटन, अवैध वसूली, और काले धन के लेनदेन के आरोप हैं। जांच में सामने आया है कि कई आबकारी अधिकारी और कारोबारी मिलकर इस घोटाले को अंजाम दे रहे थे। इससे पहले इस मामले में कई राजनेता, पूर्व IAS अधिकारी, और शराब कारोबारी जेल भेजे जा चुके हैं।
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30 अधिकारियों पर कार्रवाई
सरकार की ओर से अभियोजन की मंजूरी मिलने के बाद EOW अब इन 30 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। इनमें से कई अधिकारी उच्च पदों पर रहे हैं और घोटाले के दौरान उनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई है। EOW के सूत्रों के अनुसार, इन अधिकारियों ने कथित तौर पर नियमों को ताक पर रखकर शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाया और इसके बदले में मोटी रकम वसूली।
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जांच में तेजी, बड़े खुलासों की उम्मीद
EOW ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जांच को तेज करने के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं। शनिवार की छापेमारी में जब्त किए गए दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों का विश्लेषण किया जा रहा है, जिससे और बड़े खुलासे होने की संभावना है। जांच एजेंसी का दावा है कि यह घोटाला कई स्तरों पर फैला हुआ है और इसमें शामिल लोगों का नेटवर्क काफी व्यापक है।
सियासी और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप
इस घोटाले ने छत्तीसगढ़ की सियासत और प्रशासन में भूचाल ला दिया है। पहले ही कई बड़े नाम जेल जा चुके हैं, और अब 30 और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मंजूरी से सियासी गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है। विपक्ष इस मामले को लेकर सरकार पर हमलावर है, जबकि सरकार का कहना है कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है।
अब यह होगा आगे
अभियोजन की मंजूरी के बाद EOW अब इन 30 अधिकारियों को गिरफ्तार करने की योजना बना रही है। साथ ही, जांच एजेंसी अन्य संदिग्धों पर भी नजर रखे हुए है। इस मामले में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है, जिससे छत्तीसगढ़ की सियासत में उथल-पुथल मच सकती है।
इस घोटाले की जांच को लेकर जनता की नजरें EOW और सरकार पर टिकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस मामले में क्या नए तथ्य सामने आते हैं और कितने और बड़े नाम इस घोटाले की चपेट में आते हैं।
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