उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के दूधेश्वर नाथ मंदिर में एक अनोखी शादी ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। इस शादी में दो महिलाओं ने न सिर्फ अपने रिश्ते को नई दिशा दी, बल्कि समाज में हिम्मत और आत्मनिर्भरता की नई मिसाल भी कायम की। शराबी पतियों की प्रताड़ना झेलने वाली रांची की गुंजा और गोरखपुर की कविता अब एक-दूसरे के साथ जिंदगी गुजारने का फैसला लेकर समाज की नजरों में बदलाव की आंधी लाने को तैयार हैं। इस कदम ने साबित कर दिया कि अगर प्यार सच्चा हो और आत्मनिर्भर बनने का इरादा मजबूत हो, तो कोई भी बाधा आड़े नहीं आ सकती।
पति की प्रताड़ना से मिली मुक्ति
गुंजा और कविता दोनों ही अपने विवाहित जीवन में घरेलू हिंसा का शिकार रही थीं। शराबी पतियों की यातनाओं से तंग आकर उन्होंने अपने रिश्तों से अलग होने का फैसला किया और गोरखपुर में किराए के मकान में रहने लगीं।
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सोशल मीडिया पर दोस्ती का आगाज
गुंजा और कविता की दोस्ती सोशल मीडिया पर शुरू हुई थी। वे इंस्टाग्राम के जरिए एक-दूसरे से जुड़ीं और धीरे-धीरे यह दोस्ती एक गहरे भावनात्मक रिश्ते और प्यार में बदल गई। उनकी मुलाक़ात और एक-दूसरे के लिए समर्थन ने उनकी ज़िंदगी को एक नया मोड़ दिया।
मंदिर में विवाह की सजीव मिसाल
चार-पांच साल की दोस्ती के बाद दोनों ने एक पखवाड़े पहले शादी करने का फैसला किया और गुरुवार को रुद्रपुर के दूधेश्वर नाथ मंदिर में परिणय सूत्र में बंध गए। यहां उन्होंने जीवन भर एक-दूसरे का साथ निभाने की कसमें खाईं और एक नया अध्याय शुरू किया।
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नई शुरुआत, आत्मनिर्भरता की ओर
शादी के बाद दोनों महिलाओं ने गोरखपुर में साथ रहने और आत्मनिर्भर बनने का फैसला किया। कविता ने गुंजा को अपना पति स्वीकार किया और उसका नाम "बब्लू" रखा और कहा कि अब वे एक नई शुरुआत करने के लिए तैयार हैं। उनका यह कदम न केवल एक नई जिंदगी की ओर इशारा करता है बल्कि यह भी दर्शाता है कि प्यार और आजादी के लिए कोई भी उम्र या परिस्थिति बड़ी नहीं होती।